सब कुछ ठीक रहा तो सड़कों पर शीघ्र दौड़ती नजर आएगी बसें, मगर पहले के मुकाबले कम
🔲 परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने दिए संकेत
🔲 परिवहन आयुक्त मुकेश जैन के साथ मप्र बस ऑनर्स एसोसिएशन की हुई बैठक
🔲 सरकार तीन माह का टैक्स शून्य कर राहत देने तैयार
हरमुद्दा
जबलपुर, 19 अगस्त। कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पिछले करीब पांच माह से थमी यात्री बसें जल्द ही सवारी लेकर सड़कों पर दौड़ती नजर आएंगी। हालांकि निर्धारित रूटों पर बसों की संख्या पहले के मुकाबले कम रहेगी। यह संकेत पिछले दिनों परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, परिवहन आयुक्त मुकेश जैन के साथ मप्र बस ऑनर्स एसोसिएशन की बैठक में मिले हैं।
एसोसिएशन पदाधिकारियों का कहना है कि कुछ मांगों को लेकर स्थिति साफ होते ही सरकार की हरी झंडी मिलने के बाद संभवतः अगले सप्ताह से कुछ रूटों पर बसों का संचालन शुरू हो सकता है।
नॉन यूज फेसिलिटी पर भी चर्चा
बसों का पुनः संचालन शुरू करने में टैक्स का पेच फंसा हुआ है। मप्र बस ऑनर्स एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष वीरेंद्र साहू ने बताया कि 13 अगस्त 2020 को परिवहन मंत्री के साथ हुई वार्ता के सुखद परिणाम निकलने की उम्मीद है। सरकार तीन माह का टैक्स शून्य कर राहत देने तैयार है। ऑपरेटर दिसंबर माह तक टैक्स में राहत देने की मांग कर रहे हैं। साथ ही नॉन यूज फेसिलिटी पर भी चर्चा की गई है। सरकार यदि इस पर सार्थक निर्णय लेती है तो अगले सप्ताह से बसों का संचालन शुरू हो सकता है।
कोरोना के चलते यात्री कम मिलेंगे
बसों का संचालन यदि शुरू भी हो गया तो निर्धारित रूटों पर पहले के मुकाबले 50 फीसदी बसें ही चलेंगी। यानी जिस रूट पर 15 से 20 बसें चलती थीं उस रूट पर 10 बसें ही संचालित की जाएंगी। क्योंकि ऑपरेटरों को भी पता है कि कोरोना के चलते यात्री कम मिलेंगे।
सुविधाजनक हो जाएगा आना-जाना
बसों का संचालन यदि शुरू होता है तो कुंडम, मंडला, डिंडौरी रूट के यात्रियों को काफी हद तक राहत मिलेगी। इसके अलावा कटनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, सागर, दमोह तक आना-जाना सुविधाजनक हो जाएगा। क्योंकि कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों का संचालन बंद हैं।
🔲 22 मार्च से थमे हैं यात्री बसों के पहिए।
🔲 350 निजी ऑपरेटरर्स की यात्री बसें अंतरराज्यीय बस टमिर्नस में खड़ी हैं।
🔲 19 सूत्र सेवा योजना के तहत चलाई जा रहीं बसों का नहीं हो पा रहा संचालन।