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इंदौर लगायेगा छक्का-स्वच्छता बनी यहां की सभ्यता : मुख्यमंत्री चौहान

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🔲 इंदौर लगातार चौथी बार बना देश का स्वच्छतम शहर

🔲 भोपाल बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल कैपिटल घोषित

🔲 केंद्रीय राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वर्चुअल स्वच्छता महोत्सव में बांटे पुरस्कार

🔲 स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में मध्यप्रदेश को मिला तीसरा स्थान

हरमुद्दा
दिल्ली/ भोपाल, 20 अगस्त। केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री हरदीप सिंह पुरी ने वर्चुअल स्वच्छता महोत्सव में स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के पुरस्कार वितरित किए। इंदौर देश के 4242 शहरों को पीछे छोड़ते हुए लगातार चौथी बार देश का स्वच्छतम शहर बना है। भोपाल टॉप-10 में शामिल होने के साथ ही (बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबल कैपिटल) श्रेष्ठ स्व-समर्थ राजधानी के रूप में चयनित हुआ है। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 100 से अधिक नगरीय निकाय वाले राज्यों की श्रेणी में मध्यप्रदेश को तीसरा स्थान मिला है। विभिन्न श्रेणी में मध्यप्रदेश को कुल 10 पुरस्कार मिले।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर की पूर्व मेयर मालिनी गोड़, सासंद, विधायक अन्य जन-प्रतिनिधियों सहित अधिकारियों और कर्मचारियों की पूरी टीम तथा नागरिको को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता इंदौर की सभ्यता बन गयी है। स्वच्छता इंदौर का स्वभाव है इंदौर ने गंदगी को भगा दिया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर शहर अब स्वच्छता की दिशा में नया कीर्तिमान स्थापित कर छक्का भी लगायेगा।

देश के 4242 शहरों में सर्वोच्च क्रम पर आना विशेष महत्व की बात

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि इंदौर की मेयर रही मालिनी जी के साथ विधायक, सांसद, पार्षद, कलेक्टर कमिश्नर, इंदौर और पूरी टीम बधाई की पात्र है। देश के 4242 शहरों में सर्वोच्च क्रम पर आना विशेष महत्व की बात है। स्वच्छता इंदौर का स्वभाव है। इंदौर ने गंदगी को भगा दिया है। स्वच्छता इंदौर की सभ्यता बन गई है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा इंदौर स्वच्छता में अभी चौथी बार देश में सर्वोच्च स्थान पर है इससे भी अधिक कीर्तिमान अर्जित करेगा और इंदौर छक्का भी लगाएगा।

मध्यप्रदेश की उपलब्धि उल्लेखनीय

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश के लिए भी विशेष प्रसन्नता का दिन है। जहां इंदौर ने देश में चौथी बार सबसे साफ स्वच्छ शहर का पुरस्कार जीता है वहीं बेस्ट सेल्फ सस्टेनेबिल कैपिटल अर्थात श्रेष्ठ स्व-समर्थ राजधानी के रूप में भोपाल का चयन हर्ष का विषय है। यहां इसके लिए पूर्व मेयर आलोक शर्मा, नगर निगम की टीम और सभी नागरिक बधाई के पात्र हैं। मध्यप्रदेश के महू, शाहगंज, कांटाफोड़ जैसे छोटे शहरों ने भी पुरस्कार प्राप्त किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा संकल्प लें कि हम प्रथम ही रहेंगे। हम आने वाले वर्ष में पैटर्न बदल कर आएं और परिणाम प्रथम स्थान के रूप में हो। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि इंदौर ने दुनिया में नया स्थान बनाया है। अब लोग इंदौर स्वच्छता का पाठ सीखने आएंगे।

इंदौर में गंदगी ढूंढने का प्रयास किया जापानियों ने

स्वच्छ महोत्सव वर्चुअल पुरस्कार समारोह में केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप पुरी ने देश के स्वच्छतम शहर के रूप में इंदौर के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान को बधाई दी श्री पुरी ने कहा कि वह कुछ वर्ष पूर्व मध्य प्रदेश में थ्री आर कांन्फ्रेंस में शामिल होने जापानी मित्र के साथ इंदौर आए थे। जापानी मित्र शहर भ्रमण के लिए गए तो उनसे पूछा कि आप किस उद्देश्य से गए हैं, तब उन्होंने कहा कि इंदौर में गंदगी ढूंढने का प्रयास किया लेकिन हर जगह स्वच्छता ही नजर आई। श्री पुरी ने उम्मीद व्यक्त की कि मध्य प्रदेश अपनी स्वच्छता की इस परंपरा को कायम रखेगा।

स्वच्छता एप से 11 करोड़ से अधिक लोगों ने शिकायतें भी दर्ज

श्री पुरी ने कोरोना की स्थितियों का जिक्र करते हुए कहा कि आज तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी के कारण पहली बार यह कार्यक्रम वृहत स्तर का हो सका है। देश के करोड़ों लोगों ने स्वच्छता सर्वे और इससे संबंधित सोशल मीडिया पर किए गए उपक्रमों में भागीदारी की। स्वच्छता एप से 11 करोड़ से अधिक लोगों ने शिकायतें भी दर्ज कीं। स्वच्छ मंच पर 7 करोड़ लोग शामिल हुए। यह सब 4 सप्ताह की अवधि में हुआ। श्री पुरी ने कहा कि वर्ष 2021 में इस तकनीक को और विकसित करते हुए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जोड़ने के भी प्रयास होंगे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छता अभियान की शुरूआत की थी। उन्होंने कहा था कि इससे देश के लोगों को जोड़ना होगा। श्री पुरी ने कहा कि आज लोगों की भागीदारी से ही यह अभियान सफल हो रहा है।

मध्यप्रदेश के 14 नगर निगम देश के टॉप-100 शहरों में

भोपाल शहर को विगत वर्ष 19वीं रैंक मिली थी। इस साल उसकी रैंकिंग में इजाफा हुआ है। अब भोपाल सातवें स्थान पर है। उज्जैन को नवाचार कैटेगिरी में “बधाई से सफाई” नवाचार के लिये प्रथम स्थान मिला है। एक लाख से अधिक जनसंख्या की श्रेणी में मध्यप्रदेश के सबसे अधिक छ: शहर शामिल हुए हैं। साथ ही मध्यप्रदेश के 14 नगर निगम देश के टॉप-100 शहरों में शुमार हुए है। इनमें से 10 नगर निगम तो टॉप 25 में जगह बनाने में सफल हुए है। बुरहानपुर शहर को पिछले वर्ष 103वीं रैंक मिली थी। इस वर्ष उसे सबसे तेजी से बढ़ते हुए शहर का पुरस्कार मिला है। नागरिकों की सकरात्मक प्रतिक्रियाओं में देश के सबसे बेहतर शहर का अवार्ड जबलपुर को मिला है। रतलाम नगर निगम को ‍सिटीजन फीडबैक श्रेणी में पुरस्कृत किया गया है। जबलपुर जिले की सिहोरा नगर पालिका को जमीनी जल का बेहतर उपयोग करने की श्रेणी में पुरस्कार प्राप्त हुआ है। सीहोर जिले की शाहगंज नगर पालिका को एक लाख से कम जनसंख्या की श्रेणी में टॉप-20 में जगह मिली है। देवास जिले की काटाफोड़ नगर पालिका को पश्चिमी जोन की 25 हजार की जनसंख्या श्रेणी में सबसे तेजी बढ़ते शहर का खिताब मिला है।

मध्यप्रदेश के 378 शहरों ने अपना बेहतर प्रदर्शन

स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 के घटकों में मध्यप्रदेश के 378 शहरों ने अपना बेहतर प्रदर्शन किया। इसमें शहरों में स्वच्छता, साफ-सफाई, आधारभूत संरचनाओं का निर्माण तथा उनका प्रबंधन, ठोस अपशिष्ट का प्रबंधन और शहरों की स्वच्छता बनाये रखने में नागरिकों का सहयोग प्राप्त करने के प्रयास प्रमुखता से किये गये। इन्हीं प्रयासों के परिणाम स्वरूप खुले में शौच से मुक्त राज्य का गौरव प्राप्त किया और प्रदेश के 234 शहर ओडीएफ+ और 107 शहर ओडीएफ++ के परीक्षण में सफल हुए । इसी क्रम में कचरा मुक्त शहर के मूल्यांकन में राज्य के 18 निकाय स्टार रेटिंग प्राप्त करने में सफल रहे हैं, जो देश में सर्वाधिक शहरों के मामलों में द्वितीय स्थान है। उल्लेखनीय है कि गत तीन सर्वेक्षण में भी मध्यप्रदेश के 20 शहर देश के सर्वश्रेष्ठ 100 शहरों में रहे हैं। स्वच्छ सर्वेक्षण-2020 में यह पुरस्कार नगरपालिक निगम इंदौर, जबलपुर, बुरहानपुर, रतलाम, उज्जैन, नगरपालिका परिषद सिहोरा जिला जबलपुर, नगरपालिक निगम भोपाल, नगर परिषद शाहगंज जिला सीहोर, नगर परिषद कांटाफोड़ जिला देवास और महू कैंट जिला इंदौर को मिला।

वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुए शामिल

नगरीय विकास एवं आवास राज्य मंत्री ओ.पी.एस. भदौरिया, इंदौर की पूर्व मेयर मालिनी गौड़, प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास नीतेश व्यास, आयुक्त नगरीय प्रशासन निकुंज श्रीवास्तव, कलेक्टर इंदौर मनीष सिंह मंत्रालय से और अन्य नगरीय निकाय के जनप्रतिनिधि और अधिकारी अपने-अपने शहरों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में शामिल हुए।

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