सूरत स्टेशन पर बची एक बच्ची की जान पश्चिम रेलवे के टिकट परीक्षक की सतर्कता से

🔲 इंसानियत की शानदार मिसाल पेश

🔲 ट्रेन को आगे बढ़ने से रोकने के लिए तुरंत अलार्म चेन खींची

हरमुद्दा
रतलाम, 20 अगस्त। पश्चिम रेलवे के एक ट्रैवलिंग टिकट परीक्षक ने अपनी सूझ-बूझ और सतर्कता के फलस्वरूप सूरत स्टेशन पर दो साल की एक बच्ची की जान बचाकर इंसानियत की शानदार मिसाल पेश की है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर ने बताया कि 19 अगस्त, 2020 को एक युगल श्री और श्रीमती मोहम्मद (उम्र लगभग 21 वर्ष ), अपनी 2 वर्ष की बच्ची के साथ ट्रेन नम्बर 02955 मुंबई सेंट्रल – जयपुर विशेष ट्रेन के द्वितीय श्रेणी के कोच में वापी से सूरत जा रहे थे। सूरत स्टेशन के प्लेटफॉर्म नं 1 पर बच्ची के साथ जब ये पति-पत्नी ट्रेन से उतरे, तो वे प्लेटफ़ॉर्म पर आगे चल रहे थे और इस बात से अन्जान थे कि उनकी बच्ची जो उनके पीछे चल रही थी, S-5 कोच के पास पटरी पर गिर गई है। संयोग से इस ट्रेन में एस -3, एस -4 और एस -5 कोचों के प्रभारी का कार्य निर्वाह कर रहे पश्चिम रेलवे के ट्रैवलिंग टिकट परीक्षक के. एस. सोलंकी की नजर उस गिरती हुई बच्ची पर पड़ी और उन्होंने देखा कि ट्रेन शुरू होने वाली है, क्योंकि हरी झंडी दे दी गई थी। अपनी दिमागी सूझ-बूझ और सतर्कता का प्रयोग करते हुए श्री सोलंकी ने एस- 4 के पहले केबिन में पहुंचकर ट्रेन को आगे बढ़ने से रोकने के लिए तुरंत अलार्म चेन खींची और वापस उसी स्थान पर लौटे, जहाँ बच्ची गिरी थी।

प्लेटफॉर्म पर लाने में अहम भूमिका निभाई

श्री सोलंकी ने यात्रियों की मदद से बच्ची को निकालने और उसे सुरक्षित रूप से प्लेटफॉर्म पर लाने में अहम भूमिका निभाई।इसके बाद पूरे परिवार को आरपीएफ को सौंप दिया गया।

दिल से शुक्रिया

श्री सोलंकी की सतर्कता ने छोटी बच्ची के जीवन को बचाने में उल्लेखनीय मदद की, जिसके लिए उस बच्ची के माता- पिता ने उनका तहे दिल से शुक्रिया अदा किया। उल्लेखनीय है कि अतीत में भी, पश्चिम रेलवे के विभिन्न सतर्क और जाबांज कर्मचारी अपनी बहादुरी और सतर्कता से यात्रियों की जान बचाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देकर अनूठी मिसाल पेश कर चुके हैं।

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