वेब पोर्टल हरमुद्दा डॉट कॉम में समाचार भेजने के लिए हमें harmudda@gmail.com पर ईमेल करे कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सीमित लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार हुआ पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का -

कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सीमित लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार हुआ पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का

🔲 प्रधानमंत्री सहित अनेकों नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

🔲 पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने पीपीई किट पहनकर किया अंतिम संस्कार

🔲 सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा

हरमुद्दा
दिल्ली, 1 सितंबर। भारत रत्न और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का मंगलवार को लोधी रोड स्थित शवदाह गृह में अंतिम संस्कार किया गया। प्रणब मुखर्जी का 84 साल की उम्र में सोमवार को निधन हो गया था। कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सीमित लोगों की उपस्थिति में अंतिम संस्कार किया गया। उनका शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। इससे पहले सुबह राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य नागरिकों ने प्रणब दा को उनके आवास पर श्रद्धांजलि अर्पित की।

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कोरोना संक्रमित होने की वजह से प्रणब दा के पार्थिव शरीर को ताबूत में रखा गया और उनके पुत्र अभिजीत मुखर्जी ने पीपीई किट पहनकर अंतिम क्रिया में सभी संस्कारों को पूरा किया। पूरे मिलेट्री सम्मान के साथ प्रणब मुखर्जी का अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें सलामी दी गई।

प्रणब दा को दी श्रद्धांजलि

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पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी 10 राजाजी मार्ग पहुंचकर प्रणब दा को श्रद्धांजलि अर्पित की। भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके आवास पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इससे पहले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल विपिन रावत, सेना प्रमुख एमएम नरवणे, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

आमजन ने भी दी श्रद्धांजलि दोपहर में

इसके बाद सुबह 11 से 12 बजे के बीच आम जनता ने श्रद्धांजलि अर्पित की। कोरोना संकट को देखते हुए सामाजिक दूरी का पालन किया जाएगा। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सात दिन के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। प्रणब मुखर्जी का दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल अस्पताल में निधन हो गया था। वे साल 2012 से 2017 तक भारत के राष्ट्रपति रहे। उन्हें साल 2019 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।

10 अगस्त को किया था अस्पताल में भर्ती

उल्लेखनीय है कि 10 अगस्त को दोपहर दिल्ली कैंट स्थित आरआर (रिसर्च एंड रेफरल) अस्पताल में भर्ती किया गया था। उनके मस्तिष्क में खून का थक्का जम गया था, जिसकी सर्जरी हुई थी। वे उसी दिन कोरोना संक्रमित पाए गए थे। ऑपरेशन के बाद भी उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ। वे कोमा में थे और उनके फेफड़े व किडनी में भी संक्रमण हो गया था। उन्हें वेंटीलेटर सपोर्ट देना पड़ा था। सोमवार को शाम 4ः30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।

पार्टी के लिए थे संकट मोचक

राष्ट्रीय राजनीति में लगभग पांच दशक तक अपनी क्षमता का लोहा मनवाने वाले प्रणब मुखर्जी भारत के 13वें राष्ट्रपति थे। विलक्षण राजनीतिक प्रतिभा और गुणों के कारण उन्हें चाणक्य, संकटमोचक जैसे कई विशेषण दिए जाते रहे हैं।

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