सभ्‍य समाज के समक्ष गंभीर चुनौती है महिलाओं पर अत्‍याचार : पुरुषोत्‍तम शर्मा

🔲 म.प्र. लोक अभियोजन के बैनर तले शुरू हुआ दो दिवसीय राष्‍ट्रीय वेबिनार

हरमुद्दा

भोपाल, 4 सितंबर। महिलाओं पर होने वाले लैंगिक भेद-भाव एवं लैंगिक आधार पर होने वाले अपराध सभ्‍य समाज के समक्ष एक गंभीर चुनौती हैं। महिलाओं के विरूद्ध अत्‍याचार मां के गर्भ में आते ही शुरू हो जाते हैं। कन्‍या भ्रूण हत्‍या तथा अन्‍य अपराध जैंसे- दहेज प्रताड़ना, छेड़-छाड़, वैश्‍यावृत्ति कराना, बलात्‍कार, कार्यक्षेत्र में यौन उत्‍पीड़न, ऐसिड अटैक जैसी घटनाएं महिलाओं के विरूद्ध होती हैं।
यह विचार महानिदेशक/संचालक म.प्र. लोक अभियोजन पुरुषोत्‍तम शर्मा ने व्यक्त किए। श्री शर्मा राष्ट्रीय वेबिनार की शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
”महिलाओं पर हो रहे अपराधों के सामाजिक एवं विधिक परिप्रेक्ष्‍य” विषय पर मध्‍य प्रदेश लोक अभियोजन के बैनर तले दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार की शुरुआत शुक्रवार को हुई।

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चौंकाने वाले हैं आंकड़े

श्री शर्मा ने कहा कि वर्तमान में मध्‍य प्रदेश में लगभग 45000 मामले महिला अपराध के संबंध में पेण्डिंग हैं। जिसमें रेप एवं दहेज हत्‍या जैंसे गंभीर अपराधों की संख्‍या सेशन न्‍यायालय में 7000 है तथा सजा का प्रतिशत् बहुत कम है। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों की वृद्धि चिंतित करने वाली है। जिनपर नियंत्रण का प्रभावी तरीका ऐसे अपराधियों को न्‍यायालय के माध्‍यम से कठोर दण्‍ड दिलाना है।

प्रशिक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा राज्‍य समन्‍वयक महिला अपराध  श्रीमती पटेल द्वारा तैयार की गई। संचालन मनीषा पटेल ने किया। डीपीओ भोपाल राजेन्‍द्र उपाध्‍याय ने आभार माना।

यह दे रहे हैं प्रशिक्षण

प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रेसीडेन्‍ट सायबर लॉ बाम्‍बे प्रशांत माली, अपर जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश, खुरई, सागर (म.प्र.) सुश्री सुमन श्रीवास्‍तव, मैनेजर-प्रोग्राम FXB इंडिया सुरक्षा सत्‍यप्रकाश, डॉ. बी.आर. अम्‍बेडकर, विश्‍वविद्यालय, महू वाईस चान्‍सलर, प्रो. आशा शुक्‍ला द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर से लोक अभियोजन अधिकारी सम्मिलित होकर प्रशिक्षण प्राप्‍त कर रहे हैं।

पहले दिन हुए इनके व्याख्यान

प्रमुख जनसंपर्क अधिकारी, लोक अभियोजन म.प्र. मौसमी तिवारी ने हरमुद्दा को बताया राष्ट्रीय वेबिनार के पहले दिन सायबर एक्‍सपर्ट, प्रेसी‍डेन्‍ट सायबर लॉ बाम्‍बे के प्रशांत माली ने “Relevance of Electronic Evidence in Crime Against Women” विषय पर व्‍याख्‍यान दिया गया। इलेक्‍ट्रॉनिक साक्ष्‍य के बारे में विस्‍तार से चर्चा की। इलेक्‍ट्रॉनिक साक्ष्‍य क्‍या होती है? उसकी उपयोगिता क्‍या है? किस तरह इलेक्‍ट्रॉनिक साक्ष्‍य न्‍यायालय में ग्राह्य होती है? इस संबंध में उन्‍होंने भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872, सूचना प्रौ‍द्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों पर प्रकाश डाला तथा माननीय उच्‍चतम न्‍यायालय एवं माननीय उच्‍च न्‍यायालय द्वारा पारित किए गए निर्णय भी बताए। प्रशिक्षुओं के प्रश्‍नों के उत्‍तर भी दिए।

🔲 अपर जिला एवं सत्र न्‍यायाधीश खुरई, सागर सुश्री सुमन श्रीवास्‍तव ने “Investigation E-Trial Regarding Crime Against Women E-Child” विषय पर जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि महिला संबंधी अपराधों का अन्‍वेषण किस तरह किया जाना चाहिए तथा अन्‍वेषण के दौरान किन बातों का ध्‍यान रखा जाना चाहिए। साथ ही यह भी बताया कि क्‍या गलतियां नहीं करना चाहिए, जिससे आरोपी को सख्‍त से सख्‍त सजा दिलाई जा सके। उनके द्वारा ऐसे अपराधों के विचारण के संबंध में भी प्रशिक्षण दिया गया। महिला संबंधी अपराधों के अभियोजन में किन बातों का विशेष ध्‍यान रखा जाना चाहिए जिससे अपराधी को कठोर दण्‍ड दिया जा सके।

स्‍टेट को-ऑर्डिनेटर बनाया मनीषा पटेल को

महिला अपराध से संबंधित मामलों की पैरवी प्रभावी ढंग से करने एवं उनपर निगरानी रखने के लिए विशेष लोक अभियोजक मनीषा पटेल को स्‍टेट को-ऑर्डिनेटर के रूप में नियुक्‍त किया गया है। श्रीमती पटेल के नेतृत्‍व में अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिलेगी।

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