नाबालिक बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने वाले दरिंदे को फांसी की सजा

🔲 मध्य प्रदेश लोक अभियोजन संचालनालय पुरुषोत्तम शर्मा भोपाल के मार्गदर्शन से ग्वालियर अभियोजन ने पोक्सो एक्ट के अपराधी को कराई फांसी की सजा

🔲 शादी का आयोजन में शामिल होने गए थे चार भाई बहन

🔲 एक भाई वापस नहीं लौटा

🔲 पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ खुलासा

हरमुद्दा
ग्वालियर, 16 सितंबर। नाबालिक बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य व हत्या करने वाले दरिंदे पोक्सो एक्ट के आरोपी योगेश उर्फ जोगेश नाथ पिता लाल सिंह नाथ निवासी नाथ मोहल्ला शंकरपुर बहोड़ापुर को ने विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट अर्चना सिंह ने फांसी की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने धारा 302 भादवी में मृत्युदंड, धारा 363 भादवि में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹2000 का जुर्माना, धारा तीन बटे चार पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹2000 का जुर्माना, धारा 201 भादवी में 7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं ₹2000 के अर्थदंड से दंडित किया। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी अब्दुल नसीम एवं अनिल मिश्रा एडीपीओ ग्वालियर के द्वारा की गई।

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भाई-बहन गए थे शादी में, लौट कर नहीं आया लड़का

घटना के अनुसार 29 अप्रैल 2017 को सूचनाकर्ता ने सूचना दी कि मेरा लड़का जो नाबालिक था 28 अप्रैल 17 को मेरे साले की लड़की की शादी में गया था। साथ ही मेरी दो लड़कियां एवं दूसरा लड़का भी गया था। शादी से मेरा लड़का लौट कर नहीं आया। जिसकी काफी तलाश की नहीं मिला। आज सुबह पता चला कि मेरे लड़के की लाश बड़ा गांव के गड्ढे में पड़ी है जिसके शरीर पर जगह-जगह चोट हैं। लाश नग्न अवस्था में पड़ी है। सूचना पर से मर्ग कायम कर जांच की गई मृतक की लाश का पंचायत नामा कर पोस्टमार्टम करवाया गया। मृतक की पीएम रिपोर्ट में डॉक्टर द्वारा मृतक की मौत गला घोटने, सिर में आई चोटों के कारण एवं अप्राकृतिक कृत्य कारण हुई।

मृतक की बहन से हुई पूछताछ तो हुआ खुलासा

मृतक की बहन ने पूछताछ में बताया कि जोगेश नाथ ₹5 देकर मेरे भाई को शादी से दुकान पर ले गया। पिता ने बताया कि मेरी बेटी द्वारा सुबह बताया गया कि योगेश नाथ मेरे भाई को ₹10 देकर शादी से दुकान पर ले गया था योगेश पर मेरे लड़के की हत्या का संदेह है। मृतक की दूसरी बहन से पूछताछ हुई तो बताया कि योगेश शादी से गायब था। 29 अप्रैल 17 को सुबह 4:00 बजे खून से सनी शर्ट पैंट को धोकर चला गया। उक्त साक्षी गणों के कथनों पर से योगेश नाथ द्वारा मृतक की हत्या करने का संदेश व्यक्त किया गया है।

किया प्रकरण दर्ज

प्राथमिक जांच पर पाया गया कि संदेही योगेश नाथ मृतक बालक को रुपए देकर शादी से साथ ले गया। मृतक बालक के साथ अप्राकृतिक कृत्य कर मारपीट कर गला घोट कर हत्या करके लाश को एकांत प्रेशर के खंडहर के गड्ढे में ले जाकर साक्ष्य छुपाने के उद्देश्य से फेंक दिया। जांच पर संदेही योगेश नाथ द्वारा धारा 377, 302, 201 भादवि 3 /4 पोक्सो एक्ट का कायम कर विवेचना में लिया।

28 गवाह और डीएनए रिपोर्ट की प्रस्तुत

मीडिया प्रभारी एवं सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी ग्वालियर पवन कुमार शर्मा नेे हरमुद्दा को बताया कि उक्त प्रकरण में जानकारी के आधार पर अभियोजन द्वारा 28 गवाह प्रस्तुत किए गए थे। प्रकरण में डीएनए रिपोर्ट भी अभियोजन की ओर से सबूत के तौर पर प्रस्तुत की गई उक्त प्रकरण में माननीय उच्च न्यायालय खंडपीठ ग्वालियर के आदेश अनुसार 6 सितंबर 2020 को पुनः अभियोजन साक्षी के कथन का आदेश प्राप्त हुआ जिसके तहत अभियोजन द्वारा अपने छह गवाहों को न्यायालय में पुनः उपस्थित कराकर उनके बयान दर्ज कराए गए। उसके पश्चात अभियोजन अधिकारी द्वारा प्रभावित तर्कों को मय न्याय जस्ट आंतों के आलेख में विशेष न्यायालय के समक्ष बहस व अंतिम तर्क किए गए जिसके परिणाम स्वरूप आरोपी को कठोरतम दंड मृत्यु दंड से दंडित कराया जा सके।

अपराधियों को कठोर दंड के पक्षधर : पुरुषोत्तम शर्मा

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ज्ञातव्य है कि संचालक लोक अभियोजन मध्य प्रदेश पुरुषोत्तम शर्मा बालकों के विरुद्ध लैंगिक शोषण के अपराधों के त्वरित न्याय निर्णय एवं अपराधियों को कठोर दंड के पक्षधर हैं। इस के सुचारू संचालन के लिए श्री शर्मा ने बालकों के विरुद्ध लैंगिक शोषण के अपराध के लिए राज्य समन्वयक नियुक्त किए हैं। स्वयं श्री शर्मा प्रदेश के संपूर्ण बालकों के विरुद्ध लैंगिक शोषण के अपराधों की स्वयं मॉनिटरिंग करते हैं, जिसके परिणाम स्वरुप ग्वालियर में इस जघन्य अपराध में अपराधी को फांसी की सजा दिलाने में अभियोजन सफल हुआ है। श्री शर्मा द्वारा राज्य समन्वयक मनीषा पटेल तथा प्रत्येक जिले पर पॉक्सो के प्रकरणों के लिए डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति की गई है, जो प्रत्येक केस की सतत रिपोर्टिंग श्री शर्मा को भेजते हैं।

पास्को एक्ट के अपराधियों को अधिक से अधिक सजा

संचालनालय स्तर पर श्री शर्मा द्वारा मध्यप्रदेश में संचालित बालकों के विरुद्ध हुए अपराधों पर सतत निगरानी करते हुए उचित मार्गदर्शन अधिकारियों को प्रदान किया जाता है जिसके परिणाम स्वरूप पोस्को के केस में अपराधियों को अधिक से अधिक सजा कराई जा रही है।

दंड का भय जरूरी

श्री शर्मा का मानना है कि समाज में नासूर की तरह पल्लवित इस अपराध पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है। अपराधियों को अधिक दंड देकर उन में भय व्याप्त किया जा सके ताकि वे ऐसे जघन्य अपराध को करने से पहले 10 बार सोचे।

श्री शर्मा ने दी अधिकारियों को बधाई

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श्री शर्मा द्वारा प्रकरण के लोक अभियोजक श्री नसीम जिला लोक अभियोजन अधिकारी ग्वालियर तथा उनके सहयोगी अति जिला लोक अभियोजन अधिकारी श्री मिश्रा को बधाई।

अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेलने में पीछे नहीं छोड़ेगा कसर

केंद्र एवं राज्य सरकार बालको एवं महिलाओं के विरुद्ध मामलों में काफी सख्त है और ऐसे आरोपियों के जेल के पीछे धकेलने में हमारा विभाग और हमारे अधिकारी कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।

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