विधायक के प्रयास : अमृत सागर की बदलेगी दशा, झील का होगा स्वरूप

🔲 झील संरक्षण योजना के प्रस्ताव राज्य वित्त समिति में स्वीकृत

🔲 केन्द्र ने किए 22.84 करोड़ रुपए मंजूर

हरमुद्दा
रतलाम, 25 सितंबर। नगर के रियासत कालीन अमृत सागर तालाब की दशा जल्द सुधरने वाली है। विधायक चेतन्य काश्यप के प्रयासों से राज्य वित्त समिति ने झील संरक्षण योजना के तहत बने इसके जीर्णोद्धार के प्रस्ताव को स्वीकृत कर दिया है। केन्द्र ने 22.84 करोड़ रुपए की योजना को स्वीकृति देते हुए प्रथम किश्त के रूप में 6.85 करोड़ रुपए का अनुदान पहले ही राज्य शासन को दे दिया है। राज्य वित्त समिति की स्वीकृति के बाद अब शासन से राज्यांश मिल जाएगा।

विधायक काश्यप ने बताया कि 0.18 वर्ग किलोमीटर में फैले अमृत सागर तालाब की स्थिति जलकुम्भी और नालों का पानी मिलने से दूषित हो गई है। इसमें रतलाम के 2 प्रमुख नालों, बोहरा बाखल तथा लक्कड़पीठा नाले का गंदा पानी मिलता है। एक-डेढ़ दशक से इस तालाब में जलकुम्भी की समस्या निरन्तर निर्मित हो रही है। झील संरक्षण योजना के तहत बनाई गई जीर्णोद्वार की योजना में जलकुम्भी की समस्या को जड़ से समाप्त करने का प्रावधान है। इसके साथ ही सम्पूर्ण क्षेत्र का सौंदर्यीकरण एवं तालाब की पाल का व्यवस्थित निर्माण कर इसे सुन्दर पर्यटन स्थल का रूप देने की योजना भी प्रस्तावित है। इसके अलावा योजना में नालों के दुषित पानी का मार्ग भी परिवर्तित करना प्रस्तावित है, जिससे यह तालाब भविष्य में आकर्षण का केन्द्र बन सकेगा। गौरतलब है कि अमृत सागर के जीर्णोद्धार की योजना डेढ़ दशक से लम्बित थी। इस योजना में पहले कई संशोधन एवं परिवर्तन हुए और बाद में इसे बंद भी कर दिया गया था। विधायक काश्यप ने केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से चर्चा कर योजना को स्वीकृत कराया था।

जीर्णोद्धार कार्य में आएगी गति

सितंबर के पहले सप्ताह में केन्द्र द्वारा राज्य शासन को योजना की प्रथम किश्त आवंटित करने के बाद योजना के क्रियान्वयन को लेकर भोपाल में बैठक हुई थी। इसमें पर्यावरण एवं नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख अधिकारियों ने नगर निगम आयुक्त से चर्चा कर उन्हें जीर्णोद्धार की कार्ययोजना पर अमल शुरू करने की तैयारी के निर्देश दे दिए है। राज्य वित्त समिति की स्वीकृति के बाद अब अमृत सागर तालाब के जीर्णोद्धार कार्य में गति आएगी।

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