वरिष्ठ पत्रकार विभूति शर्मा के साहित्यकार व खिलाड़ी पिता का निधन

🔲 हॉकी के थे खिलाड़ी

🔲 प्रसिद्ध पत्रिका पत्रिका में प्रकाशित होती रही अब तक रचनाएं

हरमुद्दा
इंदौर, 25 सितंबर। वरिष्ठ पत्रकार विभूति शर्मा के साहित्यकार व खिलाड़ी पिता वीरेन्द्र शर्मा का दोपहर निधन हो गया। श्री शर्मा हॉकी के खिलाड़ी थे। देश के प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं में अब तक उनकी रचनाएं प्रकाशित होती रही है।

87 वर्षीय श्री शर्मा का जन्म उत्तरप्रदेश के झाँसी जिले में
एक प्रधानाध्यक के परिवार में हुआ। तीन भाइयों में सबसे बड़े श्री शर्मा की रुचि पढ़ाई के साथ खेलकूद में भी रही। मेजर ध्यानचंद की प्रेरणा से उन्होंने हॉकी खेलना प्रारंभ किया और स्कूल व कॉलेज टीम का प्रतिनिधित्व किया।

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प्रारंभ से ही साहित्य में रुझान

इसके बाद मध्यप्रदेश में शिक्षक के रूप में चयन हुआ। 1994 में प्राचार्य पद से अवकाश ग्रहण किया। उनका रुझान प्रारंभ से ही साहित्य और पत्रकारिता में रहा। 1958 में उन्होंने हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता का डिप्लोमा किया।
उल्लेखनीय तथ्य यह है कि डिप्लोमा उन्होंने किया और पत्रकारिता के क्षेत्र में उनका नाम रोशन उनके भाई ज्ञानेंद्र शर्मा और पुत्र विभूति शर्मा ने किया। दोनों देश के प्रमुख अख़बारों के संपादक बने।

साहित्य जगत में कमाया नाम

श्री शर्मा ने साहित्य जगत में भी  काफ़ी नाम कमाया। उन्हें प्रसिद्ध उपन्यासकार वृन्दावनलाल वर्मा और साहित्यकार बनारसी दास चतुर्वेदी (मधुकर) का सान्निध्य भी हासिल हुआ। देश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएँ अभी तक छपती रहीं। नर्मदा प्रसाद गुप्त के साथ मिलकर उन्होंने बुंदेली पत्रिका मामुलिया निकाली, जो काफ़ी चर्चा में रही। श्री शर्मा को क्षेत्र के प्रमुख बुंदेली सम्मान (बसारी) समेत कई अन्य सम्मानों से सम्मानित किया गया। हरमुद्दा परिवार उन्हें हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित करता है।

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