कोरोना कहर : 67 वर्षीय बुजुर्ग हार गया कोरोना से जिंदगी की जंग
🔲 अब तक 44 महिला पुरुष गवा चुके हैं कोरोना वायरस से अपनी जान
🔲 6 दिन में चार की हुई मौत
हरमुद्दा
रतलाम, 6 अक्टूबर। सितंबर में जहां हर दिन कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या 50 के आसपास पहुंच गई थी, वह अब 3 गुना कम हो गई है, लेकिन जान गंवाने वालों की रफ्तार पर विराम नहीं लग पाया है। मंगलवार को एक बुजुर्ग कोरोना से लड़ते हुए जिंदगी की जंग हार गया और अपनी जान गवा बैठा। अब तक 44 लोग अपनी जान से हाथ धो बैठे। फिर भी शहरवासी संभलने को, सीखने को तैयार नहीं है। 6 दिन में चार की मौत हो गई।
जनसंपर्क विभाग के पीआरओ शकील खान ने बताया कि रतलाम के तिरुपति नगर निवासी 67 वर्षीय कोविड-पॉजिटिव पुरुष को 3 अक्टूबर को भर्ती किया गया था, उनकी 6 अक्टूबर को मृत्यु हो गई।
जंग लड़ने में बुजुर्गों हो रहे नाकाम
यह बात सच है कि बुजुर्ग कोरोना वायरस से जंग लड़ने में नाकाम हो रहे हैं। कुछ किस्मतदार बुजुर्ग रहे हैं जो जंग जीते हैं। शहर के हर क्षेत्र में बुजुर्ग अपनी जान गवा रहे हैं। फिर भी शहरवासी कोरोना वायरस के नियमों का पालन करने में लापरवाही बरत रहे हैं। जो मास्क लगा रहे हैं, वह भी दिखावा कर रहे हैं। सोशल डिस्टेंसिंग का तो पालन कतई नहीं हो रहा है और ऐसे में लोगों की तमन्ना है कि वे उत्सव उत्साह से मनाएं। जब घरों में बुजुर्ग ही नहीं रहेंगे तो उत्सव का उत्साह कैसे कायम रहेगा ? विचारणीय हैं।