इंतजार की घड़ियां हुई खत्म: चुनाव आयोग ने की लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा, 11 अप्रैल को पहला चरण, सांतवा चरण 19 मई को मतदान,23 मई को मतगणना

हरमुद्दा डॉट कॉम
नई दिल्ली। इंतजार की घड़ियां खत्म हुई और चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कर दी। राजनीतिक दलों के लिए आचार संहिता लागू कर दी गई। देश में लोकसभा चुनाव का पहला चरण 11 अप्रैल से शरू होगा और 19 मई को अंतिम सातवें चरण का मतदान होगा। 23 मई को मतगणना होगी। 

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मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि देश लोकसभा चुनाव सात चरणों में होंगे। पहला चरण 11 अप्रैल, दूसरा 18 अप्रैल, तीसरा 23 अप्रैल, चौथा चरण 29 अप्रैल, पांचवें चरण का 6 मई, छटा चरण 12 मई तथा सातवां चरण का मतदान 19 मई को होगा। जहां तक मध्यप्रदेश की बात है तो यहां पर 29 अप्रैल 6 मई, 12 मई और 19 मई को मतदान होगा। चार चरणों के चुनाव होंगे। मध्य प्रदेश में कुल मतदाता 5,14,02,020 है। इसमें 2,67,78,268 पुरुष, 2,46,22,329 महिला  और 1423 किन्नर मतदाता है।

एक नजर चरणों पर

पहले चरण में 20 राज्यों की 91 लोकसभा सीटों पर मतदान होगा। दूसरे चरण में 13 राज्यों की 97 सीटों पर चुनाव होंगे। तीसरे चरण में 14 राज्यों की 115 सीटों पर चुनाव होंगे। चौथे चरण में 9 राज्यों की 71 सीटों पर चुनाव होंगे। पांचवे चरण में 7 राज्यों की 51 सीटों पर चुनाव होंगे। छठे चरण में 7 राज्यों की 59 सीटों पर चुनाव होंगे। सातवें चरण में 8 राज्यों की 59 सीटों पर चुनाव होंगे।

विधानसभा के चुनाव भी

अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में भी लोकसभा चुनावों के साथ ही होंगे विधानसभा चुनाव। आंध्र प्रदेश और ओडिशा में लोकसभा चुनाव के साथ होंगे लोकसभा चुनाव।

वीएम पर होगी उम्मीदवारों की फोटो
मुख्य चुनाव आयुक्त श्री अरोड़ा ने कहा कि चुनाव में परीक्षा और त्यौहार का भी ध्यान रखा है।ईवीएम में उम्मीदवारों के फोटो भी रहेंगे, मतदाताओं को मतदान करने में परेशानी न हो। चुनाव में 90 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे। 93 फीसदी लोगों के पास वोटर कार्ड है। 18 से 19 साल के 1.50 करोड़ मतदाता बढ़े है। पोलिंग अधिकारियों की गाड़ियों में जीपीएस रहेगा।
मतदाताओं को लुभाने के लिए नहीं होगी घोषणा
सत्तारुढ़ दलों के लिए चुनाव आचार संहिता लागू होने का बड़ा मतलब होता है, क्योंकि इसके बाद कोई भी सरकार मतदाताओं को लुभाने वाली घोषणा नहींं कर सकती है।
एक नजर अचार संहिता पर
चुनाव आचार संहिता चुनाव आयोग के बनाए गए वह नियम हैं, जिनका पालन हरेक राजनीतिक पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना है। इनका उल्लंघन करने पर सख्त सजा का प्रावधान है। चुनाव लड़ने पर रोक लगने के साथ ही एफआईआर तक होती है। उम्मीदवार को जेल की हवा खाना पड़ सकती है।
सरकारी मशनरी उपयोग बंद
चुनाव के दौरान कोई भी मंत्री सरकारी दौरे को चुनाव के लिए उपयोग नहीं कर सकता। सरकारी संसाधनों का किसी भी तरह चुनाव के लिए उपयोग नहीं कर सकता। यहां तक कि कोई भी सत्ताधारी नेता सरकारी वाहनों और भवनों का चुनाव के लिए उपयोग नहीं कर सकता।
सभी पर प्रतिबंध
केंद्र सरकार हो या किसी भी प्रदेश की सरकार, न तो कोई घोषणा कर सकती है, न शिलान्यास, न लोकार्पण और ना ही भूमिपूजन। सरकारी खर्च से ऐसा आयोजन नहीं होता, जिससे किसी भी दल विशेष को लाभ पहुंचता हो। इस पर नजर रखने के लिए चुनाव आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त करता है।
लेना होती है अनुमति
उम्मीदवार और पार्टी को जुलूस निकालने या रैली और बैठक करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति लेना होती है। इसकी जानकारी निकटतम थाने में देनी होती है। सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को देना होती है।
मतभेद न बढ़े
कोई भी पार्टी या उम्मीदवार ऐसा काम नहीं कर सकती, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले।
तो भारी पड़ सकता
मत पाने के लिए रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना भारी पड़ सकता है। व्यक्ति टिप्पणियां करने पर भी चुनाव आयोग कार्रवाई कर सकता है।
तब प्रचार पर रोक
किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार या भूमि का उपयोग नहीं किया जा सकता। मतदान के दिन मतदान केंद्र से सौ मीटर के दायरे में चुनाव प्रचार पर रोक और मतदान से एक दिन पहले किसी भी बैठक पर रोक।

अब तक रहे मुख्य चुनाव आयुक्तों की सूची
सुकुमार सेन
के. वी. के. सुंदरम
एस. पी. सेन वर्मा
डॉ॰ नगेन्द्र सिंह
टी. स्वामीनाथन
एस. एल. शकधर
आर. के. त्रिवेदी
आर. वी. एस शास्त्री
वी. एस. रमादेवी
टी. एन. शेषन
एम. एस. गिल
जे. एम. लिंगदोह
टी. एस. कृष्णमूर्ति
बी. बी. टंडन
एन गोपालस्वामी
नवीन चावला
शाहबुद्दीन याकूब कुरैशी
वी. एस. संपत
एच॰ एस॰ ब्रह्मा
नसीम जैदी
अचल कुमार ज्योति
ओम प्रकाश रावत
सुनील अरोड़ा (वर्तमान में है)

 

 

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