भड़क गए जनप्रतिनिधि : फिल्टर प्लांट से पानी की सप्लाई को लेकर हुई बैठक चढ़ी हंगामे की भेंट
🔲 सभी का एकमत से आरोप यह योजना असफल
🔲 पूर्व नपं अध्यक्ष सहित 12 पूर्व पार्षद नदारद
🔲 शरद भट्ट
पिपलौदा, 12 अक्टूबर। नगर में मुख्यमंत्री पेयजल योजना के तहत फिल्टर प्लांट से पानी की सप्लाई को लेकर जनप्रतिनिधियों तथा पत्रकारों की सहमति के लिए आयोजित बैठक हंगामें की भेंट चढ़ गई। इसमें पूर्व में आपत्तियों के निराकरण किए बगैर बैठक के आयोजन पर जनप्रतिनिधि भड़क गए। सभी का एकमत से आरोप था कि यह योजना असफल है तथा इसके निर्धारित मापदंडों को पूर्ण किए बगैर निर्माण कंपनी को लाभ देने के लिए बैठक की औपचारिकता की जा रही है।
बैठक दोपहर 2 बजे प्रारंभ होना थी, किन्तु सभी की उपस्थिति के बाद आधे घंटे देरी से प्रारंभ हुई।बैठक में पूर्व नपं अध्यक्ष सहित 12 पूर्व पार्षद नदारद रहे।
बिना भौतिक सत्यापन किए योजना को पूर्ण बताना गलत : मोगरा
बैठक की शुरुआत में जैसे ही नवागत इंजीनियर भूपेश धारू ने कहा कि योजना पूर्ण है तथा सप्लाई के लिए आपकी अनुमति के लिए बैठक का आयोजन किया गया है। इस पर नगर भाजपाध्यक्ष मुकेश मोगरा ने आपत्ति लेते हुए कहा कि बिना भौतिक सत्यापन किए योजना को पूर्ण बताया जाना गलत है। पूर्व पार्षद प्रफुल्ल जैन ने कहा कि ड्राईंग डिजाइनिंग के हिसाब से पाइप लाइन नहीं डाली गई है। इस योजना में अनेक खामियां है, जिनके संबंध में पूर्व में भी लिखित शिकायत की जा चुकी है, जिसका निराकरण आज तक नहीं किया गया है। बैठक औपचारिक है तथा इससे नागरिकों के बजाय पर योजना की निर्माणकर्ता कंपनी को लाभ होगा। पूर्व पार्षद ईश्वरलाल जटिया ने बताया कि वार्ड क्रमांक 1 व 2 में अभी तक नवीन पाइप लाइन नहीं डाली गई है, इससे वार्ड वासियों को कोई लाभ नहीं होगा। पूर्व पार्षद रईस मंसूरी का कहना था कि निर्धारित नियमों के विपरित लाइन को कम गहरा डाला गया है तथा योजना के चालू होने के पूर्व ही विभिन्न स्थानों से लाइन फूट चुकी है। पूर्व एल्डरमैन भेरूलाल धनगर ने फिल्टर प्लांट के आसपास की गंदगी पर सवाल उठाते हुए बाउंड्रीवाल बनाने की मांग की।
होना थे 4 नलकूप का खनन, नहीं हुआ एक भी
योजना के अनुरूप 4 नलकूपों का भी खनन किया जाना था, लेकिन अभी तक नहीं किया गया है। जिन नागरिकों से नई पाइप लाइन से फिल्टर पानी का सपना दिखा कर 4 हजार रूपए वसूल कर कनेक्शन दिए गए हैं, वह बैकार हो चुके हैं। इन सभी को टैंकर से शुद्ध पानी उपलब्ध करवाया जाए। पूर्व पार्षद रामगोपाली धनगर ने बताया कि योजना की शुरूआत से लेकर पूर्व में की गई टैस्टिंग तक लगातार शिकायतें की गई है, लेकिन इनका निराकरण किए बिना ही पुन: प्रारंभ किए जाने के लिए बैठक बुलाना अवैधानिक है।
1 सप्ताह की टेस्टिंग के बाद करें बैठक
नगर कांग्रेस अध्यक्ष अंतरसिंह शरण का कहना था कि पहले एक सप्ताह टैस्टिंग की जाए तथा इसके बाद बैठक का आयोजन किया जाए। उस बैठक में प्लांट का पानी सभी पीकर अपनी सहमति दे सकते हैं। इसके पहले बैठक का कोई औचित्य नहीं है। जनप्रतिनिधियों का कहना था कि कंपनी ने पाइप लाइन डालने के लिए जो खुदाई की है अभी तक उसे सुधारा नहीं है। इससे नागरिकों को परेशानी हो रही है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
तो बन गई विवाद की स्थिति
पत्रकारों का कहना था कि जिस स्थान पर फिल्टर प्लांट लगाया गया है, वहां महीनों पुराना पानी एकत्र है। इससे नागरिकों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। बैठक के बीच से मुख्य नपा अधिकारी के उठ कर जाने से भी विवाद की स्थिति बन गई।
नगर परिषद के स्तर पर होगी कार्रवाई
बैठक में शोर हो रहा था तथा सांसद की रतलाम में आयोजित बैठक में विशेष जानकारी चाही गई थी, इससे बैठक कक्ष से उठ कर अपने कक्ष से चर्चा करने के लिए गई थी, वापसी तक बैठक समाप्त हो चुकी थी। बैठक में तथा इससे पूर्व भी योजना से संबंधित जो सुझाव आए है। उन पर डीपीआर के अनुसार कंपनी तथा नगर परिषद के स्तर कार्रवाई की जाएगी।
🔲 आरती गरवाल, मुख्य नपा अधिकारी, पिपलौदा