एक वरण की नौ दिवसीय नवपद आयंबिल ओलीजी तपाराधना में उत्साहपूर्वक शामिल हुए 79 तपस्वी

🔲 नौ दिनों की एक गुप्त श्राविका बनी लाभार्थी

हरमुद्दा
रतलाम, 3 नवंबर। नौ दिवसीय एक वरण (पदार्थ) की नवपद आयंबिल ओलीजी तपाराधना श्रीवर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ ट्रस्ट बोर्ड आयंबिल शाला धनजी भाई का नोहरा में पूर्ण हुई। गौरतलब हैं कि कई आराधकों को इस महत्वपूर्ण पर्व प्रसंग के आने का बेसब्री से इंतजार रहता हैं।

इस ‘वरण’ की आराधना में आराधकों ने पहले दिन चांवल, दूसरे दिन गेहूं, तीसरे दिन चना, चौथे दिन मूंग, पांचवे दिन उड़द एवं शेष चार दिन चांवल से अर्थात प्रतिदिन निर्धारित केवल एक ही अन्न से निर्मित (घी, तेल, दूध, दही, शकर, नमक, मिर्च, मसाला आदि रहित) मात्र उबला व सीका हुआ भोजन एक ही बैठक पर ग्रहण किया। नौ दिनों की उक्त ओलीजी आराधना में 79 आराधकों ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर ओलीजी करने का लाभ लिया। वहीं इस बार उक्त ओलीजी करवाने के लाभार्थी एक गुप्त श्राविका रही। ओलीजी सामग्री बनवाने की व्यवस्था में श्राविका बबिता चौपड़ा का विशेष मार्गदर्शन रहा।

पारणा समिति की रही अनुकरणीय सेवाएं

ओलीजी तपाराधना के दौरान पूरे नौ दिनों तक पारणा समिति संयोजक प्रकाशचंद्र नांदेचा, निर्मल गोखरू, कांतिलाल मूणत, बाबूलाल धम्माणी, प्रकाश संघवी के अलावा संघ के लोकेश मेहता व विनोद बाफना आदि ने अनुकरणीय सेवाएं दी। जो सभी के लिए प्रेरणा बनी। एक ओर जहां आज के व्यस्तम समय में विशेष कर किसी धार्मिक सेवा आदि कार्य के लिए समय निकालना बहुत कठिन होता हैं। वहीं अपने व्यक्तिगत, पारिवारिक, व्यावसायिक आदि महत्वपूर्ण कार्य को छोड़कर पारणा समिति सहित अन्य जिन्होंने भी निर्धारित समय पर पहुंचकर जो ओलीजी में सेवाएं दी हैं। उसके लिए समिति के प्रति सभी ने साधुवाद दिया।

हुआ बहुमान समारोह

ओलीजी पर्व आराधना के अंतिम दिवस ट्रस्ट बोर्ड की ओर से ट्रस्ट बोर्ड अध्यक्ष बाबूलाल छाजेड़, मंत्री महेंद्र चाणोदिया, बोर्ड वरिष्ठ बाबूलाल सेठिया, प्रकाश मूणत व मेनेजर सुभाष श्रीश्रीमाल की विशेष आतिथ्य में बहुमान समारोह आयोजित किया गया। नवकार महामंत्र की सामूहिक स्तुति से प्रारंभ हुए इस समारोह में सर्वप्रथम ओलीजी तपाराधना करने वाले तपस्वियों के तप की साता पूछते हुए बहुत बहुत अनुमोदना की गई। वहीं इन तपस्वियों का कुमकुम तिलक लगाकर बहुमान करके भेंट स्वरूप प्रभावना दी गई।

नवकारसी जैसा छोटा तप भी करना हर किसी के लिए सामान्य बात नहीं

इस अवसर पर अतिथियों ने कहा कि एक ओर जहां नवकारसी जैसा छोटा तप भी करना हर किसी के लिए सामान्य बात नहीं हैं। वहीं ऐसे में एक वरण (विगय रहित केवल एक पदार्थ की बनाई सामग्री ग्रहण करना) आयंबिल ओलीजी तप करना असाधारण कहना भी अतिश्योक्ति नहीं होगा।

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