🔲 झंडा दिवस निधि में दान की हुई राशि पूर्णत: आयकर से मुक्त

हरमुद्दा
सोमवार, 7 दिसंबर। 7 दिसंबर का दिन पूरे देश में ‘सशस्त्र सेना झंडा’ दिवस के रूप में मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत 1949 में हुई थी। यह दिन हमारे देश की रक्षा करते हुए जो सैनिक शहीद हो गए, अपाहिज हुए तथा पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के त्याग को सम्मानपूर्वक याद करने एवं आम नागरिकों का उनके प्रति आभार व्यक्त करने के प्रतीक स्वरूप मनाया जाता है।

संचालनालय सैनिक कल्याण मध्यप्रदेश के संयुक्त संचालक कमांडर उदय सिंह ने इस अवसर पर नागरिकों से अधिक से अधिक राशि दान करने की अपील की है। झंडा दिवस निधि में दान की हुई राशि पूर्णत: आयकर से मुक्त है। सभी नागरिक अपना योगदान अपने जिले के सैनिक कल्याण कार्यालय में दे कर इस पुनीत कार्य में सम्मिलित हों।

IMG_20201026_114645

सेना के तीनों अंग देश की रक्षा के लिए सदैव सजग

भारतीय सेना के तीनों अंग देश की रक्षा के लिए सदैव सजग रहते हैं। देश की सीमाओं की रक्षा के साथ-साथ देश की आंतरिक सुरक्षा एवं प्राकृतिक आपदा के समय नागरिकों की सुरक्षा में भी सेना का बहुत बड़ा योगदान है। कर्तव्य-पालन में हमारे अनेक सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए हैं तथा उससे भी अधिक अपंग होकर अपने घरों में बेरोजगार होकर जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनके बलिदान एवं योगदान के लिए राष्ट्र उनका कृतज्ञ है। झंडा दिवस पर सशस्त्र सेनाओं के आश्रितों के कल्याण एवं पुनर्वास के लिये झंडा दिवस कोष में उदारतापूर्वक योगदान के जरिए उनके प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने का एक उत्तम अवसर है।

सैनिकों के कल्याण के लिए होता है राशि का उपयोग

इस दिन झण्डा दिवस का प्रतीक ध्वज एवं कार ध्वज संस्थाओं और नागरिकों को वितरित कर उनसे धन-राशि का योगदान लिया जाता है। इस राशि का उपयोग शहीद सैनिक की विधवाओं, अपंग सैनिकों एवं अन्य भूतपूर्व सैनिकों के कल्याण के लिये किया जाता है। पूरा देश झण्डा दिवस पर अपना अनुदान देकर सेना के प्रति अपनी एकता की भावना को व्यक्त करता है जिससे सैनिक भी आश्वस्त होते हैं कि संपूर्ण देश उनके परिवार की सहायता के लिये प्रतिबद्ध है। इस दिवस पर हमारे देश के सैनिकों और देशवासियों के मध्य जो एक अपनेपन और विश्वास का रिश्ता है वो सुदृढ़ और आत्मीय होता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *