रतलाम सहित प्रदेश की 50 नई सिंचाई योजनाओं का मुख्यमंत्री ने किया वर्चुअल लोकार्पण
किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए उपयोगी होंगे नए कानून : मुख्यमंत्री
🔲 जिले की 9425.29 लाख रुपए लागत की 8 सिंचाई योजनाओं का भूमिपूजन, लोकार्पण
🔲 प्रदेश में सिंचाई रकबा पहुंचेगा 65 लाख हेक्टेयर तक
🔲 किसान उत्पादक संगठन को देंगे आंदोलन का रूप
🔲 रतलाम के किसान कन्हैया से हुई बात
हरमुद्दा
भोपाल/रतलाम, 14 दिसंबर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि नए कृषि कानून किसानों की आर्थिक उन्नति में उपयोगी होंगे। मध्यप्रदेश में किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) अनुबंध मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन हो रहा है। मंडी के अलावा फसल को बेचने के वैकल्पिक उपायों का लाभ किसानों को मिलेगा। मध्यप्रदेश के सिंचाई रकबे में निरंतर वृद्धि की जाएगी। यह राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भगवान के बाद मेरे लिए किसान है। वो धरती पर अन्न उगाता है। खून-पसीना एक करता है। हमारी व्यवस्था का केन्द्र बिन्दु है किसान। सिंचाई साधनों का विस्तार धरती पुत्र किसानों के लिए वरदान होता है। प्रदेश के सिंचाई रकबे को 65 लाख तक पहुंचाया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं। मध्यप्रदेश इस लक्ष्य को पूरा करने में सक्रिय रहेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को मिंटो हॉल में सिंचाई योजनाओं के वर्चुअल लोकार्पण और भूमिपूजन कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
रतलाम जिले के ग्राम बिरमावल में आयोजित क्रार्यक्रम में ग्रामीण विधायक दिलीप मकवाना, जिला पंचायत प्रधान परमेश मईडा, पूर्व विधायक मथुरालाल डामर, ईश्वरलाल पाटीदार, कलेक्टर गोपाल चंद्र डाड, सीईओ जिला पंचायत संदीप केरकेट्टा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक इंद्रजीत बाकलवार, ग्राम सरपंच कन्हैयालाल मालवीय सहित जनप्रतिनिधि तथा ग्रामीणजन उपस्थित थे।
भरपूर गेहूँ उत्पादन से मिली कोरोना काल में राहत
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निर्मित सिंचाई क्षमता का भरपूर उपयोग किया जा रहा है। इस वर्ष गेहूँ उत्पादन उपार्जन में मध्यप्रदेश ने पंजाब को पीछे छोड़ दिया। कोरोना काल में कम से कम अन्न का कोई संकट नहीं रहा। इस अवधि में यह राहतकारी सिद्ध हुआ। प्रदेश में कृषि अधोसंरचना को सशक्त बनाया जाएगा। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को आंदोलन का रूप देंगे। हमारा लक्ष्य किसानों की हालत को बदलना है।
निरंतर बढ़ता सिंचाई रकबा
छिंदवाड़ा की योजनाएं 2016 और 2018 में मंजूर की गईं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोकार्पित की गई योजनाओं की मंजूरी वर्ष 2016 और 2018 में दी गई थी। पूर्व में किए गए प्रयासों का परिणाम अब प्राप्त हो रहा है। योजनाएं समय पर शुरू हो पा रही हैं। आज जिन योजनाओं का लोकार्पण हो रहा है उनमें छिंदवाड़ा जिले की बंधानी जलाशय, केकड़ा जलाशय, झिरना बैराज, सांवलाखेड़ा बैराज, सेन्दूरजना जलाशय, पेंडोनी जलाशय की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2016 और 2018 में दी गई है। इन योजनाओं से 17 ग्रामों के करीब 01 हजार कृषक लाभान्वित होंगे। डेढ़ हजार से अधिक हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी। इन योजनाओं को पूरा करने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा समयबद्ध कार्रवाई की गई।
सिंचाई का रकबा ले आए 40 लाख हेक्टेयर तक
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिंचाई रकबा सिर्फ सात-आठ लाख हेक्टेयर हुआ करता था जिसे बढ़ाकर हम चालीस लाख हेक्टेयर के आगे ले गए। अब 65 लाख हेक्टेयर का लक्ष्य है। एक-एक इंच कृषि भूमि सिंचित होगी। आने वाले एक वर्ष में 30 हजार करोड़ रूपए की योजनाएं मंजूर की जाएंगी। नर्मदा जल का पूरा उपयोग किया जाएगा। तीन वर्ष में नर्मदा योजनाओं के क्रियान्वयन को भी पूर्ण किया जाएगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी की पहल पर किसान रेल चल रही है। किसानों को उत्पादन का सही मूल्य मिले इसके लिए निरंतर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। प्रदेश में 27 वृहद, 47 मध्यम और 287 लघु सिंचाई परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इनकी लागत 60 हजार 737 करोड़ है। इन सभी की सिंचाई क्षमता 24 लाख हेक्टेयर होगी। इस लक्ष्य को पूरा करने का काम शुरू हो चुका है। करीब चार लाख हेक्टेयर क्षेत्र में आंशिक सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाई जा चुकी है। स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 की वजह से योजनाओं के निर्माण पर कुछ फर्क पड़ा है लेकिन इस वर्ष करीब 100 परियोजनाएं पूरी कर सवा लाख हेक्टेयर में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित करने का लक्ष्य है।
50 योजनाओं पर 384.35 करोड़ रुपए की लागत
आज लोकार्पित 50 योजनाओं की लागत 384.35 करोड़ रुपए है। इनसे 16 हजार 336 हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। प्रदेश के 9 जिलों के 131 ग्रामों के किसान लाभान्वित होंगे। मुख्यमंत्री ने रतलाम जिले की 7.82 करोड़ रुपए की तीन अन्य सिंचाई योजनाओं के लिए भूमिपूजन भी किया।
रतलाम के किसान कन्हैया मालवीय
ने कहा होगी उपज में वृद्धि
मुख्यमंत्री ने सोमवार जल संसाधन विभाग की योजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम में किसानों से भी बात की।
🔲 रतलाम के किसान कन्हैया मालवीय ने बताया कि बांध बनने से 2200 हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी और किसानों की उपज में वृद्धि होगी। गांव के आस-पास के किसान नींबू और अमरूद बहुतायत में उगाते हैं और फसल को जयपुर बिकने के लिए भेजते हैं। रतलाम में वर्षा का पानी गिरा था, अभी मौसम ठीक है, बांध बनने से खेती के उत्पादन में वृद्धि होगी।
🔲 अलीराजपुर के किसान वीरेन्द्र पटेल ने मुख्यमंत्री श्री चौहान से चर्चा के दौरान कहा कि सेजगांव बेराज बनने से 400 हैक्टेयर में अब किसान दूसरी फसल भी ले पाएंगे। इससे 100 से अधिक किसान सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे।
🔲 बैतूल आमला के किसान सुरेश गांवरे ने बांध बनने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि 10 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में इसका लाभ मिलेगा।
🔲 सीहोर के किसान शुभम मीणा ने बताया कि बांध बहुत बेहतर तरीके से बनाया गया है, इससे 140 हैक्टेयर भूमि अतिरिक्त रूप से सिंचित होगी और गेंहू, चना आदि के बाद सब्जी भी लगा सकेंगे।
किया स्वागत
अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एस.एन. मिश्रा ने मुख्यमंत्री और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने राज्य में सिंचाई वृद्धि के प्रयासों की जानकारी दी। मिंटो हॉल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ लगभग 200 किसान, अधिकारी और आमजन उपस्थित थे।