धर्म संस्कृति अध्यात्म : श्रीकृष्ण… राजनीतिज्ञ, योद्धा, मित्र, मैनेजमेंट गुरु, योगेश्वर और परमब्रह्म : शास्त्री
🔲 धार्मिक भक्ति भावनाओं के साथ मनाया गया गीता जयंती महोत्सव
🔲 गीता पाठ के बाद हुआ भजन कीर्तन व प्रसादी
हरमुद्दा
रतलाम, 25 दिसंबर। श्रीकृष्ण… राजनीतिज्ञ, योद्धा, मित्र, मैनेजमेंट गुरु, योगेश्वर और परमब्रह्म है। अर्जुन के सारथी बने तो सुदामा के बेस्ट फ्रैंड भी। भक्ति की डेफिनेशन समझाई तो निस्वार्थ प्रेम का मतलब भी। श्रीमद् भागवत श्रीकृष्ण का संपूर्ण व्यक्तित्व और यूनिवर्सल थ्योरीज का विस्तृत विवरण है। जीव और ब्रह्म का रहस्य नई पीढ़ी को समझाने विज्ञान बेहद मददगार है। भगवान के प्रति श्रद्धा भी भांति भांति की होती है। जैसी भावना होगी, वैसी प्रभु कृपा होगी।
यह विचार हिन्दू राष्ट्र सूरिनाम से आए विद्वान वक्ता सत्यव्रत शास्त्री ने व्यक्त किए। शुक्रवार को अमृत सागर तालाब की पाल पर श्री हनुमान बाग में श्री गीता जयंती महोत्सव समिति के बैनर तले आयोजित 17 वें धार्मिक उत्सव में धर्मालुओं को श्री शास्त्री संबोधित कर रहे थे। श्री हनुमान बाग परिसर के धार्मिक प्रांगण में हुए उत्सव में श्री शास्त्री ने कहा सात्विक श्रद्धा से ही प्रभु प्रसन्न होते हैं। घर परिवार में सुख समृद्धि वैभव प्राप्त होता है। भगवत भक्ति से लोक और परलोक दोनों ही सुधरते हैं।
अर्जुन को श्री कृष्ण ने समझाया धर्म का पाठ और जिंदगी का मर्म
श्री शास्त्री ने कहा श्रीमद भगवत गीता का सार प्रभु श्री कृष्ण ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को दिया था, उसे सभी को समझना चाहिए। जीवन में सुख दुख क्यों आते हैं सुख और दुख क्या कारण है। गीता में हमारे हर प्रश्न का जवाब है। भगवान ने कुरुक्षेत्र में अर्जुन को धर्म का पाठ पढ़ाया था और जिंदगी का मर्म बताया।
बच्चों को संस्कारवान बनाकर सत्संग कथा के लिए प्रेरित करें : आचार्य महिधर शास्त्री
उत्तर प्रदेश सोरमजी के आचार्य महीधर शास्त्री ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर मनुष्य को लौकिक सुख की प्राप्ति होती है। भगवान श्रीकृष्ण की रासलीला का दर्शन करने के लिए भगवान शिवजी को गोपी का रूप धारण करना पड़ा। आज हमारे यहां भागवत रूपी रास चलता है, परंतु मनुष्य दर्शन करने को नहीं आते। वास्तव में भगवान की कथा के दर्शन हर किसी को प्राप्त नहीं होते। उपस्थित धर्मालुओं से उन्होंने कहा कि बच्चों को संस्कारवान बनाकर सत्संग कथा के लिए प्रेरित करें। गुजरात डाकोर से आए विद्वान वक्ता अशोक शर्मा ने भी श्रद्धालुओं को संबोधित किया।
गीता पूजन एवं पाठ से उत्सव की शुरुआत
श्री गीता जयंती महोत्सव के संस्थापक एवं संयोजक पुष्पोदभव शास्त्री ने बताया कि सुबह 11 बजे से शुरू हुए गीता जयंती महोत्सव में पंडित संजय ओझा, दीपक परसाई सहित पांच भूदेव ने गीता पाठ किया। प्रारंभ में युवा धर्मालु दंपत्ति शुभम-हिना राठौड़ ने श्रीमद् भगवत गीता का पूजन कर गुजरात से आए विद्वान पंडित से आशीर्वाद लिया। दोपहर में भजन मंडली द्वारा भजन और कीर्तन प्रस्तुत किए गए जिसमें श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। आरती के पश्चात उपस्थित श्रद्धालुओं ने बैठकर फलाहारी प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम का संचालन शरद वर्मा ने किया। आभार मनोज शर्मा ने माना।
यह थे मौजूद
श्रीमद् भागवत गीता जयंती महोत्सव में आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र शर्मा, सचिव शंभू, चौधरी, विक्रम पाटीदार, विशाल शर्मा, सतीश राठौर, संतोष सोनी, शान्तु गवली, भुवनेश पंडित, सत्तू पहलवान, सुनील शर्मा, नवनीत सोनी, कपूर सोनी, गोपाल शर्मा, अर्चना दुबे, नर्मदा शर्मा, पुष्पा राठौड़ सहित सैकड़ों धर्मालुओं ने कोविड के नियमों का पालन करते हुए धार्मिक उत्सव में पुण्य फल प्राप्त किया।