उज्जैन की जीवाजी वेधशाला की होगी वैश्विक पहचान : स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री
🔲 जीवाजी वेधशाला की वेबसाइट, टिकट और ब्रोशर की डिजाइन का अनुमोदन
🔲 वेधशाला के उन्नयन के साथ ही आधुनिक सुविधाओं का होगा विस्तार
हरमुद्दा
भोपाल, 06 जनवरी। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित जीवाजी वेधशाला की वैश्विक पहचान बनाने के लिए आवश्यक नवाचार किया जाएगा। वेधशाला के उन्नयन के साथ ही आधुनिक सुविधाओं का विस्तार होगा।
यह बात स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) इन्दर सिंह परमार ने कही।
श्री परमार ने बुधवार को मंत्रालय में आयोजित स्कूल शिक्षा विभाग की बैठक में उज्जैन की जीवाजी वेधशाला की वेबसाइट, टिकट और ब्रोशर की डिजाइन का अनुमोदन किया।
ज्योतिषीय गणना के प्राचीन केंद्र हैं वेधशालाएँ
उन्होंने कहा वेधशालाएँ भारत की ज्योतिषीय गणना के प्राचीन केंद्र हैं। इस वेबसाइट से पूरी दुनिया भारत की ज्योतिषीय गणना और यंत्रों से परिचित हो सकेगी। वेधशाला की वेबसाइट, ब्रोशर और टिकट को शीघ्र ऑनलाइन अपलोड एवं क्रियान्वित करने के निर्देश मंत्री जी ने दिए।
नक्षत्र-वाटिका को रुचिकर चित्रों और सरल भाषा में दर्शाया
जीवाजी वेधशाला उज्जैन की वेबसाइट में समय-मापन और नक्षत्रों की गणना के मध्यकालीन यंत्रों एवं आधुनिक उपकरणों की संक्षिप्त जानकारी दी जाएगी। इसके साथ ही मौसम विज्ञान यंत्र, दृश्य, ग्रह स्थिति और पंचांग के साथ नक्षत्र-वाटिका को रुचिकर चित्रों और सरल भाषा में दर्शाया जाएगा।
“अंतरिक्ष की रोमांचक यात्रा” ब्रोशर होगा उपयोगी
“अंतरिक्ष की रोमांचक यात्रा” नाम से प्रकाशित होने वाले ब्रोशर में जीवाजी वेधशाला की स्थापना के संक्षिप्त विवरण के साथ उज्जैन की आस्था, विज्ञान और समृद्धि की गाथा दर्शाई जाएगी।
मंत्री जी को जानकारी देते हुए वेधशाला अधीक्षक डॉ. गुप्त।
हिंदी और अंग्रेजी भाषा में उपलब्ध यह ब्रोशर पर्यटकों को टिकट के साथ निःशुल्क दिया जाएगा, जिससे उन्हें वेधशाला में शोधों और क्रियाकलापों को समझने में आसानी होगी। वेधशाला के प्रवेश टिकट पर बारकोड भी मुद्रित किया जाएगा, जिससे आगंतुक उस बारकोड को स्कैन कर वेधशाला की समस्त जानकारियां आसानी से प्राप्त कर सकेंगे। वेधशाला से जुडी सामग्रियों और गतिविधियों पर आधारित स्मृति चिह्न (सोविनियर्स) भी उपलब्ध रहेंगे।
यह थे उपस्थित
बैठक में प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी, आयुक्त लोक शिक्षण जयश्री कियावत, आयुक्त राज्य शिक्षा केंद्र लोकेश कुमार जाटव, उपसचिव अनुभा श्रीवास्तव, महर्षि पंतजलि संस्कृत संस्थान के निदेशक प्रभातराज तिवारी और जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक राजेंद्र कुमार गुप्त सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।