महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग : भस्मारती दर्शन व गर्भगृह में प्रवेश शुरू होगा या नहीं, निर्णय आज
🔲 हार, फूल, प्रसाद अर्पित करने पर लगी रोक को हटाने के लिए लगी गुहार
🔲 छोटे-मोटे व्यापारी आर्थिक संकट में
हरमुद्दा
उज्जैन, 8 फरवरी। महाकालेश्वर
ज्योतिर्लिंग मंदिर में मार्च के बाद से बंद सुविधा भस्मारती दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश को लेकर महाकालेश्वर प्रबंधन समिति की बैठक सोमवार की शाम को होगी। बैठक में दर्शनार्थियों के लिए सुविधा पुनः शुरू करने को लेकर निर्णय हो सकता है।
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में कोरोना संक्रमण को देखते हुए बीते 17 मार्च 2020 से भस्मारती दर्शन व गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है। बीते दिनों सिनेमा घरों को पूर्ण क्षमता से शुरू करने के निर्णय के बाद देश विदेश के भक्त महाकाल मंदिर में भस्मारती दर्शन की अनुमति देने की मांग कर रहे थे। मंदिर परिक्षेत्र के बाहर हार, फूल व प्रसाद विक्रेताओं ने भी आर्थिक संकट का हवाला देते भगवान को हार, फूल, प्रसाद अर्पित करने पर लगी रोक को हटाने के लिए गुहार लगा रहे थे। सोमवार को होने वाली प्रबंध समिति की बैठक में इन मुद्दों पर निर्णय होगा। इसके साथ ही प्रबंध समिति में कर्मचारियों की वेतन वृद्धि तथा मंदिर द्वारा किए जा रहे निर्माण कार्य का मुद्दा भी शामिल है। समिति कर्मचारियों को लाभ देकर खुश कर सकती है।
हर दिन मिलती है 1600 से अधिक श्रद्धालुओं को अनुमति
महाकाल मंदिर में रोजाना सुबह चार बजे भगवान की भस्मारती शुरू होती है। इसमें राजाधिराज को भस्म अर्पित की जाती है। आरती दर्शन के लिए पूर्व में अनुमति लेना जरूरी है। एक दिन में 1600 भक्तों को अनुमति दी जाती है। पर्व-त्योहार के दिन स्थिति अनुसार अनुमति की संख्या बढ़ा दी जाती है।