“गैरों” की “गेर” में अपनत्व का भाव, उल्लास, उमंग, तरंग में उड़ा रंग
हरमुद्दा
रतलाम, 25 मार्च। सड़कें वहीं थी, लोग भी वही थे, जो सड़कों पर दिखते हैं। बस लोगों की तासीर आज बदली हुई नजर आई। आज उनका मिजाज तो आनंद का था। रंग की तरंग में मस्त लोगों की टोलियां। ढोल की थाप पर सरेआम ठुमके लगाने की होड़। भागो पकड़ो की आवाजें। “गैरों” की “गेर” में अपनत्व का भाव देखते ही बन रहा था। पंचमी पंचमी के महा उत्सव पर रंगों की बौछारों से शहर सराबोर हो गया तरबतर हो गया।
वैसे तो खास महत्व होली दहन के बाद धुलेंडी खेलने का है। यह परंपरा शहर में धीरे-धीरे बदल गई है। धुलेंडी में उतने उत्साह से भाग नहीं लेते हैं, जितने उमंग और तरंग के साथ रंग पंचमी का महा आनंद लेते हैं। रंग पंचमी मनाने के लिए कई दिन पहले से तैयारी हो जाती है। रंगों की “गैर” निकालने के लिए “गेर” भी सम्मिलित हुए। पानी की फुहारों के बीच रंग लगाते लोगों की गैर रतलाम जागृति मंच के बैनर तले धानमंडी से निकली। नाचते गाते लोगों के इस जन समूह का जगह-जगह रंगीनियत से स्वागत किया गया। नगर के प्रमुख मार्गो से निकली गैर में सम्मिलित लोग बैंड ढोल की थाप पर थिरकते हुए निकले। गैर में हर संप्रदाय के लोग शामिल थे। धानमंडी, डालुमोदी बाजार चौराहा दो बत्ती पर रंग प्रेमियों का हुजूम जमा था। डालूमोदी बाजार चौराहे पर कला अभिनय मंच, दो बत्ती पर रंगारंग मंच और ई खबर टू डे द्वारा रंगीन फव्वारे से लोगों का स्वागत किया गया। आकर्षक रंगीन फुहारे लगाए थे। विभिन्न रंगों के उड़ते गुलाल के माहौल में रंग पंचमी उत्साह एवं उमंग के साथ मनाई गई। सौहार्द एवं भाईचारे के साथ निकलने वाले रंगारंग चल समारोह का आत्मीय स्वागत किया गया।
कालोनियों में भी मस्ती
बाजारों में ही नहीं कालोनियों में रंग पंचमी का अभूतपूर्व उत्साह नजर आया। हर वर्ग के लोगों ने उमंग के साथ रंग लगाया। बच्चे भी दादा की उम्र के लोगों को आसानी से रंग लगा रहे थे। युवा वर्ग के लड़िकयां भी रंगोत्सव में पीछे नहीं थी। अपने घर के आस-पास जमकर रंगों से खेली। दोपहिया वाहनों पर लोग दिनभर परिचितों को रंग लगाने के लिए जाते हुए नजर आए।