कोरोना वायरस : बचाव के उपाय अत्यंत सतर्कतापूर्वक करने वाले आमजन हो गए लापरवाह, सेहत के लिए यह हानिकारक, जा सकती है जान
सामाजिक दूरी का पालन, मास्क लगाना तथा हाथ धोना अब उतनी गंभीरता से नहीं
नियमों का पालन ही मनुष्य के लिए है संजीवनी
हरमुद्दा
रतलाम, 19 फरवरी। लॉकडाउन के दौरान आमजन कोरोना से संबंधित बचाव के व्यवहार अत्यंत सतर्कतापूर्वक अपना रहे थे, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद यह देखा जा रहा है कि लोगों में कोरोना से संबंधित सावधानियां जैसे कि – सामाजिक दूरी का पालन, मास्क लगाना तथा हाथ धोना अब उतनी गंभीरता से नहीं किया जा रहा। यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसमें जान भी जा सकती है। यदि लोग मास्क लगाने और सामाजिक दूरी जैसे व्यवहार का पालन करते हैं, तो कोरोना के प्रकरणों में काफी कमी ला सकते हैं।
यह बात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रभाकर ननावरे ने कही। सीएमएचओ डॉ. ननावरे ने कहा कि विगत दिनों में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों को दृष्टिगत रखते हुए आमजनों को अत्यधिक सतर्कता और सजगता के साथ सामाजिक दूरी, मास्क तथा सेनेटाईजर (S.M.S.) का प्रयोग करते हुए अपने आप का बचाव करना अति आवश्यक हो गया है।
तो बढ़ जाती संक्रमित होने की संभावना
उन्होंने कहा विशेषज्ञों की राय में यदि संक्रमित एवं असंक्रमित दोनों व्यक्तियों ने मास्क नहीं लगाया है एवं सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं किया है तो संक्रमित होने की अधिक संभावना है, अर्थात वायरस संक्रमण का जोखिम अत्यंत उच्च है। इसी तरह संक्रमित व्यक्ति ने मास्क नहीं लगाया है एवं असंक्रमित व्यक्ति ने मास्क लगाया है तथा सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं किया है तो भी संक्रमित होने की संभावना अधिक होती है। संक्रमित व्यक्ति ने मास्क लगाया है एवं असंक्रमित व्यक्ति ने मास्क नहीं लगाया है तथा सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं किया है तो भी संक्रमित होने की संभावना मध्मय होती है। संक्रमित एवं असंक्रमित दोनों व्यक्तियों ने मास्क लगाया है एवं सामाजिक दूरी का पालन भी नहीं किया है तो संक्रमित होने की संभावना न्यूनतम है। संक्रमित एवं असंक्रमित दोनों व्यक्तियों ने मास्क लगाया है एवं सामाजिक दूरी का पालन भी किया है, तो संक्रमित होने की संभावना अति न्यूनतम है।
हफ्ते बाद ही प्रतिरोधक क्षमता होती विकसित
उन्होंने बताया कि यद्यपि कोरोना का टीका आ चुका है, परंतु दूसरा डोज लगने के दो हफ्ते बाद ही प्रतिरोधक क्षमता विकसित होती है। अभी आमजन का वैक्सीनेशन होना शेष है, हर्ड इम्युनिटी की भ्रांत धारणा से भी लापवाही बढ़ रही है और कोरोना के प्रकरण बढ़ते देखे जा रहे हैं, इसलिए मास्क का प्रयोग अब भी एक प्रभावी बचाव के साधन के रुप में कार्य कर रहा है। अतः आमजन से अनुरोध है कि कोविड के प्रारंभिक लक्षण जैसे सर्दी-खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ होने पर फीवर क्लीनिक में अपनी जॉच तुरंत करवाएं, स्वयं इलाज न करें, ऐसी स्थिति में सामाजिक दूरी का पालन करना एवं मास्क अनिवार्यतः लगाना इस व्यवहार को अपने दैनिक जीवन शैली का एक हिस्सा बनाना होगा।