शत्रुंजय तीर्थधाम में नवीन भव्य गिरिराज निर्माण के लिए प्रतिष्ठा और उत्थापन 29 मार्च को
हरमुद्दा
रतलाम, 28 मार्च। रतलाम संघ के परम उपकारी परम पूज्य आचार्य भगवंत श्री अशोक सागरसुरीश्वर जी म.सा. आदि ठाणा की प्रेरणा, मार्गदर्शन और निश्रा में शत्रुंजय तीर्थधाम (करमदी) में नवीन भव्य गिरिराज का निर्माण के लिए प्रतिष्ठा और उत्थापन 29 मार्च शुक्रवार को होगा।
श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ के सुनील ललवानी ने बताया कि आचार्यश्री पालीताना से उग्र विहारकर रतलाम में बुधवार को सुबह 6.30 बजे मंगल प्रवेश करेंगे। आचार्य श्री, आचार्य श्री सोमचंद्र सागर सुरीश्वर जी मसा, आचार्य श्री मतिचंद्र सागर सुरीश्वर जी मसा एवं आचार्य श्री विवेकचन्द्र सागर सुरीश्वर जी मसा तथा साधु साध्वी मंडल के साथ प्रवेश करेंगे। अयोजन के बाद आचार्यश्री श्री नागेश्वर तीर्थ के लिए विहार करेंगे।
यह होंगे आयोजन
शत्रुंजय तीर्थधाम करमदी में गिरिराज पर विराजित प्रतिमा जी की उत्थापन पश्चात चल प्रतिष्ठा की बोली सुबह 7.15 बजे, प्रतिमाओं की उत्थापन विधि एवं चल प्रतिष्ठा लाभार्थी द्वारा सुबह 8.00 बजे, नवकारसी सुबह से 9.30 बजे तक होगी।
महातीर्थ की यात्रा का आनन्द
श्री देवसुर तपागच्छ चारथुई जैन श्रीसंघ के सुनील मूणत ने बताया कि रतलाम का सौभाग्य है हमें ऐसे तीर्थ की प्राप्ति हुई है जहाँ हमे शत्रुंजय महातीर्थ की यात्रा करने का आनन्द मिलता है। जहां गिरिराज के दर्शन कर पुण्य का बंध होता है।
आराधना के उच्च शिखर को प्राप्त करें
श्री शत्रुंजय तीर्थ धाम कमेटी राजू खाबिया, शैलेन्द्र मांडोत ने बताया कि अदभुत,अलौकिक, विशाल रचना के निर्माण का साक्षी बन उसमे तन,मन,धन से सहयोग कर पुण्य का उपार्जन कर गिरिराज की अदभुत छवि को साकार कर अपनी आराधना के उच्च शिखर को प्राप्त करें।
आयोजन में शामिल होने की अपील
आयोजकों ने धर्मालुओं से कहा है कि प्रतिष्ठा और उत्थापन का विशेष महूर्त है समय का ध्यान रखकर आयोजन में उपस्थित रहे।