क्या ये आएंगे हद में? : होम आइसोलेट पॉजिटिव व्यक्ति को 21 दिन रहना होगा घर में, बाहर निकले तो 2000 रुपए दंड
हरमुद्दा
रतलाम, 16 अप्रैल। कोविड-19 के तहत पॉजिटिव पाए जाने पर होम आइसोलेट किए गए व्यक्ति को 21 दिन तक घर में कैद रहना होगा। इस दौरान यदि बाहर घूमते नजर आए तो 2000 रुपए जुर्माना चुकाना होगा। यह नियम संक्रमित व्यक्ति के साथ ही उनकी देखभाल करने वाले वयस्क व्यक्ति पर भी लागू होगा।
जिला प्रशासन द्वारा जारी निर्देश के अनुसार होम आइसोलेटेड पॉजिटिव व्यक्ति को पूरी तरह क्वारंटाइन रहना होगा। संक्रमित व्यक्ति और उनके परिजन कंटेनमेंट से बाहर न आएं। यदि होम आइसोलेट व्यक्ति द्वारा तय मानकों का उल्लंघन किया जाना पाया जाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। मध्य प्रदेश पब्लिक हेल्थ एक्ट 1949, महामारी रोग अधिनियम 1984 एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 की धारा 51 के तहत पेनल्टी एवं वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
दो निगेटिव रिपोर्ट आने के उपरांत भी सात दिन तक होम आइसोलेशन जरूरी
संक्रमित व्यक्ति जो होम आइसोलेशन में हैं उसे नियमों का पालन करते हुए पॉजिटिव सैंपल आने के बाद 14 दिन तक होम क्वारंटीन रहना होगा। इसके पश्चात दो निगेटिव रिपोर्ट आने के उपरांत भी सात दिन तक होम आइसोलेशन में रहना होगा। संक्रमित व्यक्ति एवं उनके परिजन यदि होम आइसोलेशन से बाहर पाए जाते हैं तो उन पर 2 हजार रुपए का जुर्माना और धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज किया जाएगा। यदि होम आइसोलेट व्यक्ति के उक्त अवधि समाप्त होने के उपरांत भी कंटेनमेंट समाप्त नहीं किया गया है तो वे इसकी जानकारी कंट्रोल रूम के फोन नंबर 1075 पर दे सकते हैं।
मेडिकल कॉलेज की डीन पॉजिटिव रिपोर्ट आने के 11 दिन बाद ही जुट गईं काम में
प्रशासन द्वारा हाल ही में कोरोना पॉजिटिवि मरीज व उसके परिजन के होम आइसोलेट रहने को लेकर जारी गाइडलाइन कब से लागू होगी, यह स्पष्ट नहीं है। इस आदेश को लेकर कयास लगाया जा रहा है कि इसकी जद में शासकीय मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. शशि गांधी आएंगी अथवा नहीं। बताया जा रहा है कि उनकी रिपोर्ट 1 अप्रैल 2021 को पॉजिटिव आई थी और उन्होंने इसके 11 दिन बाद ही (संभागायुक्त के रतलाम प्रवास वाले दिन) मेडिकल कॉलेज की व्यवस्थाएं संभाल ली थीं। इस मामले में तर्क दिया जा रहा है कि मेडिकल कॉलेज में मरीजों की संख्या और काम का दबाव बढ़ने के कारण उन्हें ऐसा करना पड़ा।
पत्नी व बेटा कोरोना पॉजिटिव, पूर्व महापौर सकलेचा हल करते रहे लोगों की समस्याएं
अगर 21 दिन घर में रहने का नियम पूर्व से लागू माना जाता है तो इसकी जद में पूर्व महापौर पारस सकलेचा और उनका परिवार भी सकता है। वजह यह कि उनकी धर्मपत्नी की 7 अप्रैल को रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। इस हिसाब से 21 दिन की अवधि पूरी होने में अभी भी वक्त है। इस दौरान वे पिछले दिनों कांग्रेस विधायकों के साथ मेडिकल कॉलेज का दौरा भी कर चुके हैं। सकलेचा के अनुसार पूर्व निर्धारित गाइडलाइन के अनुसार उनकी धर्मपत्नी की होम कोरंटाइन की अवधि पूरी हो चुकी है। उन्होंने बताया पूर्व में उनके पुत्र भी संक्रमित हुए थे। अब दोनों ही स्वस्थ हैं। यदि 21 दिन की अवधि के बारे में उन्हें आज ही पता चला है, इसलिए अब वे अवधि के शेष दिन घर में रह कर बिताएंगे।