चैत्र नवरात्रि : दुर्गा अष्टमी के साथ मंगल पुष्प का संयोग 20 अप्रैल को, खरीदारी नहीं करने का लोगों में मलाल

🔲 नवरात्रि में पसंदीदा वस्तुएं नहीं खरीदने का मलाल

🔲 अष्टमी पर खरीदने का था, फिर आगे बढ़ा दिया लॉकडाउन

हरमुद्दा
रतलाम, 19 अप्रैल। चैत्र नवरात्रि धार्मिक आस्थाओं की यही नहीं अपितु घर परिवार में जरूरत की सामग्री लेने के खास दिन भी होते है। नया साल और नवरात्रि की एकदम गुड़ी पड़वा पर जरूरत की सामग्री की खरीदारी की जाती है ताकि सुविधा मिल सके। नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी पर 20 अप्रैल को मंगल पुष्य नक्षत्र का भी संयोग है। लेकिन यह अवसर भी व्यापारियों और खरीदारों के लिए लॉक डाउन की भेंट चढ़ गया।

हालांकि यूं तो हर दिन खरीदारी के लिए होते ही हैं फिर भी मान्यता के अनुसार नवरात्रि और दीपावली के आसपास वाहनों तथा अन्य सुविधाजनक सामग्रियों की खरीदारी बहुतायत में की जाती है। शोरूम वाले भी इस दिन का इंतजार करते हैं कि खरीदारी जमकर होगी और होती आई है। विशेष रूप से तैयार की जाती है, स्टॉक बढ़ाया जाता है। बुकिंग शुरू हो जाती है। इस बार भी लोगों ने खरीदारी के लिए मन बनाया था कि नए साल गुड़ी पड़वा पर वाहनों की खरीदी करेंगे लेकिन लॉक डाउन के चलते नवरात्रि के पहले दिन यह संभव नहीं हो पाया। फिर भी यह सोचकर संतोष कर लिया कि 19 अप्रैल को तो लॉक डाउन हट जाएगा। दुर्गा अष्टमी के दिन 20 अप्रैल को खरीदारी कर लेंगे, लेकिन यह अवसर भी चूक गए हैं। इतना ही नहीं नवमी और दशहरे के दिन भी खरीदारी नहीं कर सकेंगे। क्योंकि लॉक डाउन तो 26 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया गया है। लोगों ने दो पहिया तथा चार पहिया वाहनों की बुकिंग पहले से ही कर रखी है। भुगतान भी कर चुके हैं ताकि पसंदीदा खास दिन वाहन अपने घर ले जा सके, लेकिन इसके पहले ही लगे लॉकडाउन के कारण उनकी इच्छाएं अभी पूरी होना संभव नहीं है। बुक किए गए वाहन शोरूम के यार्ड में पड़े हुए हैं।

श्री राम नवमी उत्सव 21 अप्रैल को

ज्योतिषाचार्य पंडित दुर्गाशंकर ओझा ने हरमुद्दा से चर्चा में बताया कि 20 अप्रैल मंगलवार को जहां दुर्गा अष्टमी है, वहीं मंगल पुष्य नक्षत्र का संयोग भी है। पूजन के साथ व्यापार व्यवसाय व खरीदारी के लिए बेहतर दिन है। दुर्गा अष्टमी के दिन सुबह 9:00 से 1:30 बजे तक श्रेष्ठ मुहूर्त हैं। दुर्गा नवमी और श्री रामनवमी उत्सव बुधवार 21 अप्रैल को मनाया जाएगा, बुधवार को सुबह 6:00 से 9 बजे तक व 10:30 से 12:00 तक का समय पूजन अर्चन के लिए श्रेष्ठ है। वही दशहरा का पर्व 22 अप्रैल गुरुवार को होगा। दशहरे के दिन सुबह 10:30 से दोपहर 3:00 बजे तक तथा शाम को 4:30 से 6:00 बजे तक का समय श्रेष्ठ है। हनुमान जयंती उत्सव 27 अप्रैल मंगलवार को मनाया जाएगा।

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