कोरोना कहर पर प्रतीक सोनवलकर की रचना : धैर्य, इच्छा शक्ति, हिम्मत से टूट रहा कोरोना का कहर
धैर्य इच्छा शक्ति हिम्मत से टूट रहा कोरोना का कहर
प्रतीक सोनवलकर
प्रकृति की आपदा और
कोरोना का कहर
हर अंधियारी रात के
बाद आती ही है सहर
कालचक्र नियति प्रारब्ध
का तय है हर प्रहर
मत घबराइए धैर्य
रखिए आने को है सहर
निश्चित दूरी रखें, घरों में
रहें, मस्त रहें, हर प्रहर
देखते ही देखते कट
जाएगी आपदा और
आएगी सहर
सुख दुख, लाभ हानि की
धारा है जीवन की ये लहर
हिम्मत, हौंसले, उल्लास
से जल्द ही आएगी सहर
सैनेटाईज़ रहें, स्वच्छ रहें,
स्वस्थ रहें, कह रहा हर प्रहर
लॉक डाउन का स्व
अनुशासन से करें पालन,
बस आने को है सहर
मनुज ने बड़ी-बड़ी विपदाएं
सही, खत्म होगा कोरोना का
भी कहर
धीरज, संयम, शांति, विवेक रखें
आने को है सहर
इस घड़ी परिवार को समझे,
करें रिश्तों की कदर
भाग रहा कोरोना का कहर
आ रही है नई सहर
प्रकृति का है शाश्वत नियम हर
दुख के पीछे सुख की लहर
धैर्य, इच्छा शक्ति, हिम्मत से टूट
रहा कोरोना का कहर
प्रतीक सोनवलकर
संयुक्त आयुक्त, क्षेत्रीय ग्रामीण
विकास व पंचायत राज प्रशिक्षण केंद्र, इंदौर