देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर : वर्तमान और पूर्व केंद्रीय मंत्रियों की बेटियों का निधन
केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री गहलोत की बेटी का निधन
पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद बाद उनकी बेटी रुकैया का भी इंतकाल
हरमुद्दा
सोमवार, 3 मई। देश के साथ प्रदेश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का कहर चल रहा है। सोमवार को केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत की बेटी योगिता सोलंकी का इंदौर के मेदांता अस्पताल में उपचार के दौरान निधन हो गया। वहीं पिलीभीत से पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद के करोना से निधन के बाद अब उनकी बेटी पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रुकैया आरिफ का भी सोमवार की दोपहर बरेली के प्राइवेट अस्पताल में इंतकाल हो गया।
मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत की एकलौती बेटी का कोरोना से निधन हो गया है। आपको बता दें कि एक हफ्ते पहले ही गहलोत की बेटी कोरोना से संक्रमित हुई थी।
केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत की 43 वर्षीय इकलौती बेटी योगिता सोलंकी का इंदौर के मेदांता अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया। योगिता कोरोना पॉज़िटिव हुई थी, और उज्जैन के संजीवनी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। इस दौरान इलाज के दौरान ही योगिता को हार्ट अटैक आने के बाद इंदौर मेदांता अस्पताल में भर्ती करवाया। जहां उपचार के दौरान योगिता का निधन हो गया।
उज्जैन के राजकुमार से हुआ था योग्यता का विवाह
केंद्रीय मंत्री गहलोत के 3 बेटे हैं जिसमें से एक बेटा आलोट विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। योगिता का विवाह उज्जैन इंद्रानगर निवासी राजकुमार सोलंकी से साथ हुआ था।
पिता पुत्री एक साथ हुए थे संक्रमित
पूर्व कैबिनेट मंत्री हाजी रियाज अहमद और उनकी बेटी रुकैया आरिफ एक साथ संक्रमित हुए थे और दोनों को एक साथ ही यहां जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके बाद उनको बरेली रेफर कर दिया गया। बरेली में पांच दिन पहले हाजी रियाज अहमद का इंतकाल हो गया। उनकी बेटी रुकैया ज़िंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही थी। उन्हें दो दिन पहले ही बरेली के ही एक दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत में काफी सुधार था।
उम्मीद थी शीघ्र होगी स्वस्थ, मगर ऐसा हो ना सका
उम्मीद जताई जा रही थी कि वह शीघ्र ही स्वस्थ होकर वापस लौट आएंगी। आज दोपहर अचानक रुकैया की तबीयत काफी बिगड़ी और पंद्रह मिनट के भीतर उन्होंने दम तोड़ दिया। उनके निधन की खबर मिलते ही पीलीभीत में शोक की लहर दौड़ गई। काफी संख्या में लोग बरेली के लिए रवाना हो गए। एक सप्ताह के भीतर हाजी रियाज अहमद और उनकी बेटी के निधन से पूरा जिला स्तब्ध है।
दिग्गज नेता के परिवार को डुबो
दिया आंसुओं के सैलाब में
हाजी रियाज अहमद की सरपरस्ती में रुकैया आरिफ ने सियासत शुरू की और जिला पंचायत सदस्य बनीं। सपा की सरकार बनी तो वह जिला पंचायत अध्यक्ष भी चुनी गईं। इस समय भी वह जिला पंचायत का चुनाव लड़ रही थीं। रियाज अहमद के बाद रुकैया आरिफ को ही उनका सियासी वारिस माना जा रहा था, लेकिन कोरोना के कहर ने दोनों दिग्गज नेता के परिवार को आंसुओं के सैलाब में डुबो दिया है। शोक की लहर है।