सरकारी डॉक्टरों ने खोल दिया कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा, कलेक्टर को नहीं हटाया तो 7 मई से काम बंद
हेल्थ अफसर का इस्तीफा देने का मामला गरमाया, सभी डॉक्टर लामबंद
हरमुद्दा
इंदौर, 6 मई। इंदौर के सरकारी डॉक्टरों ने कलेक्टर मनीष सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। डॉक्टरों ने गुरुवार को जिले के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट और संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा के सामने लिखित विरोध दर्ज करवाया और मांग रख दी कि कलेक्टर सिंह को हटाओ नहीं तो कामबंद आंदोलन होगा।
डॉक्टरों ने कहा कि बार-बार अपने पद की गरिमा के खिलाफ असंसदीय भाषा के प्रयोग को अब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर्मचारी सहन करने की स्थिति में नहीं हैं। इसलिये कलेक्टर मनीष सिंह के साथ कार्य करने की स्थिति में नहीं हैं। जब तक कलेक्टर मनीष सिंह को हटाया नहीं जाता, तब तक 7 मई यानी शुक्रवार सुबह 8 बजे से लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग जिला इंदौर के समस्त अधिकारी व कर्मचारी काम नहीं करेंगे।
कानूनी कार्रवाई पर होगा आंदोलन
डॉक्टरों ने यह भी कहा कि इस दौरान शासन व प्रशासन द्वारा किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के विरुद्ध द्वेषपूर्ण तरीके से कानूनी कार्रवाई की जाती है तो भी समस्त स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी काम पर उपस्थित नहीं होंगे एवं इन्हें नहीं हटाने पर चरनबद्ध आंदोलन करेंगे।
सालभर से दिन रात कर रहे हैं काम
डॉक्टरों के प्रतिनिधि मंडल ने संभागायुक्त को ज्ञापन दिया, जिसमें कहा गया है कि पिछले एक साल से अधिक समय से वैश्विक बीमारी कोरोना से पूरे विश्व के साथ-साथ मध्यप्रदेशभी ग्रसित है। तभी से शासन प्रशासन के आदेशों-निर्देसों का पालन करते हुए अपनी जान की परवाह किये बगैर संपूर्ण स्वास्थ्य विभाग निरंतर कार्य कर रहा है।
डॉ. गडारिया के इस्तीफे से सब एकजुट
इंदौर कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा स्वास्थ्य विभाग के प्रथम श्रेणी महिला अधिकारी डॉ. पूर्णिमा गडारिया के साथ असंसदीय, अमर्यादित, अभद्र एवं जलील करने योग्य भाषा एवं अपशब्दों का प्रयोग किया जाना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है । उक्त कृत्य कलेक्टर पूर्व में भी कई बार सार्वजनिक बैठकों में भी कर चुके हैं। इनके दुर्व्यवहार के कारण सभी अधिकारी व कर्मचारी मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं एवं उनका मनोबल गिरा है।