रतलाम का रत्न छाया दुनिया पर : रतलाम के 2 वर्षीय आर्यवान ‘यंगेस्ट मल्टी टैलेंटेड बॉय’ बने, ‘नोबल वर्ल्ड रिकॉर्ड’ का खिताब किया अपने नाम
विश्व के 120 देशों तक पहुंची कीर्ति
हरमुद्दा
रतलाम, 8 मई। कहते हैं कि ‘पूत के पांव पालने में ही नजर आ जाते हैं।’ यह बात रतलाम के आर्यवान जोशी के लिए भी लागू होती है। आर्यवान की उम्र महज 2 साल है लेकिन इनकी ख्याति पूरे विश्व में पहुंच चुकी है। तीक्ष्ण बुद्धि के धनी इस बालक ने विश्व के ‘यंगेस्ट टैलेंटेड बॉय’ और ‘नोबल वल्ड रिकॉर्ड’ का खिताब अपने नाम कर लिया है। कलाम बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में ‘एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी ग्रास्पिंग पॉवर जीनियस किड’ भी सम्मानित किया गया है।
जिस उम्र में बच्चों को खिलौनों से खेलना तक नहीं आता उस उम्र में ही आर्यवान ने विश्वस्तर के खिताब हासिल कर लिए हैं। यह बालक कोई और नहीं रतलाम निवासी ‘मिसेज इंडिया-2018’ रहीं दिव्या पाटीदार जोशी और मर्चेंट नेवी में अफसर प्रयास जोशी के पुत्र हैं। छह महीने की उम्र से ही अक्षरों और कलम चलाने में रुचि देखकर ही मां दिव्या जोशी ने आर्यवान को ट्रेनिंग देना शुरू की। ट्रेनिंग पर फोकस तब भी रहा जब लोग कोविड-19 और लॉकडाउन के कारण घरों में कैद रहे।
लॉकडाउन में चला प्रतियोगिता का
इस वर्ष लॉकडाउन के दौरान जोशी दंपति को प्रतियोगिता के बारे में पता चला तो उन्होंने दावेदारी की। इसके लिए आर्यवान की सभी गतिविधियों को रिकॉर्ड कर ऑनलाइन प्रस्तुत किया गया। 31 मिनट लंबे वीडियो में आर्यवान गायत्री मंत्र के उच्चारण से लेकर 20 तक नंबर, तीन-तीन अक्षरों वाले अंग्रेजी के शब्द बोलने देखे और सुने जा सकते हैं। लॉकडाउन के इस संघर्ष पूर्ण समय के सदुपयोग के मामले में जोशी दंपति द्वारा अपना समय बच्चे के विकास पर केंद्रित करना संपूर्ण समाज के लिए एक मिसाल है।
विश्व के 120 देशों तक पहुंची उपलब्धि, परिजन ने दी शुभकामनाएं
विश्व स्तर पर हुई इस स्पर्धा के लिए कई बच्चों ने भाग लिया जिसमें आर्यवान विजयी घोषित हुए। पहले यह रिकॉर्ड तामिलनाडु (भारत के) 4 वर्षीय पी. विश्वनाथ के नाम था। आर्यवान की उपलब्धियां ‘नोबल वर्ल्ड रिकॉर्ड’ के माध्यम से भारत, अमेरिका, इंग्लैंड सहित 120 देशों में यह उपलब्धि प्रकाशित और प्रसारित हुई है। इस उपलब्धि पर आर्यवान के दादाजी राजेंद्र कुमार जोशी रेलवे में सेक्शन इंजीनियर हैं और व नानाजी शिक्षक वी. सी. पाटीदार हैं। सभी परिवारजन ने हर्ष व्यक्त करते हुए आर्यवान के उज्जवल भविष्य के लिे शुभकामनाएं दीं।
स्कूलों ने दिए एडमिशन के लिए ऑफर
आर्यवान का अभी स्कूल में एडमिशन भी नहीं हुआ है लेकिन इस सफलता के कारण विश्व के कई स्कूलों में प्रॉडिजी कोटा (विलक्षण गुण संपन्न) माध्यम से एडमिशन के लिए ऑफर दिए गए हैं। आर्यवान की मां दिव्या एवं पिता प्रयास जोशी काफी उत्साहित और आशान्वित हैं। पिता प्रयास कहते हैं कि इस लॉकडाउन में उन्हें कुछ अलग करने का मकसद मिला।
खासियत, जिनके लिए 2 वर्ष की उम्र में मिला विश्वस्तरीय खिताब
गायत्री मंत्र उच्चारण
1 से 200 नंबर तक बोलना
1 से 100 नंबर तक पढ़ना
अंग्रेजी अल्फाबेट बोलना व लिखना
3 अक्षरों के शब्दों के अंग्रेजी वाक्य पढ़ना
वीक डे
प्लानेट नेम्स ऑफ सोलर सिस्टम
पीरियोडिक टेबल मैं 1 से 20 एटॉमिक नंबर तक एलिमेंट्स याद करना
मैथमेटिकल सिंबॉल्स पहचानना एवं बनाना
हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के सात स्वरों को गाना
रेनबो कलर्स पहचानना,
30 जानवरों के नाम,
31 फलों के नाम,
16 पक्षियों के नाम ,
12 शेप्स पहचानना एवं बनाना
30 ह्यूमन बॉडी पार्ट्स पहचानना
केलकुलेटर एवं लैपटॉप कीबोर्ड के नाम पहचाना
25 सिमिलर ऑब्जेक्ट को 2 मिनट में मैच करना