साहित्य जगत की आन, बान और शान युवा साहित्यकार आशीष दशोत्तर को अ.भा.अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कार

हरमुद्दा
रतलाम 5अप्रैल। साहित्य जगत की आन, बान और शान युवा रचनाकार आशीष दशोत्तर को अखिल भारतीय अंबिका प्रसाद दिव्य स्मृति प्रशस्ति प्रतिष्ठा पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। वर्ष 2018 के लिए यह पुरस्कार श्री दशोत्तर को उनके नवीन व्यंग्य संग्रह ” मोरे अवगुण चित में धरो” के लिए प्रदान किया गया है। विगत इक्कीस वर्षों से प्रदान किए जा रहे राष्ट्रीय ख्याति के अम्बिका प्रसाद दिव्य स्मृति प्रतिष्ठा पुरस्कारों की घोषणा में श्री दशोत्तर के व्यंग्य संग्रह को युवा लेखन में उपलब्धि माना गया है।  श्री दशोत्तर को सम्मान मिलने से शहर का गौरव बढ़ा हैं।श्री दशोत्तर ने बताया कि इस वर्ष के निर्णायक मंडल के सदस्य परशुराम शुक्ल , प्रो. आनन्द प्रकाश त्रिपाठी, मयंक श्रीवास्तव, प्रियदर्शी खैरा, विजयलक्ष्मी विभा, राधेलाल विजधावने, किशन तिवारी, राजेन्द्र नागदेव, प्रभुदयाल मिश्र, घनश्याम सक्सेना, जगदीश किंजल्क एवं राजो किंजल्क थे।
कटाक्ष करते व्यंग्य 

उल्लेखनीय है कि श्री दशोत्तर पुरस्कृत व्यंग्य संग्रह ” मोरे अवगुन चित में धरो” में व्यवस्था एवं परिस्थितियों पर कटाक्ष करते 40 व्यंग्य शामिल है। बोधि प्रकाशन से प्रकाशित यह व्यंग्य संग्रह देशभर में चर्चित हुआ है। देश के प्रसिद्ध व्यंग्यकार डॉ प्रेम जनमेजय ने इस संग्रह की भूमिका लिखी है एवं विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में इसकी समीक्षा प्रमुखता से प्रकाशित हुई है। श्री दशोत्तर की यह ग्यारहवीं पुस्तक है।
उल्लेखनीय सम्मान 
श्री दशोत्तर को इससे पूर्व मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी का युवा लेखन पुरस्कार, साहित्य अमृत व्यंग्य पुरस्कार, किताबघर प्रकाशन का आर्य स्मृति सम्मान, साहित्य गौरव सम्मान सहित कई उल्लेखनीय सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं।

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