हम जागृत भूमि के नागरिक हैं सोते हुए प्रदेश के नहीं : साहित्यकार चांदनीवाला
🔲 विश्व संवाद केंद्र की मासिक पत्रिका जागृत मालवा का समारोह पूर्वक विमोचन
हरमुद्दा
रतलाम, 10 जुलाई। जागृत मालवा पत्रिका ने अपने नाम से सिद्ध किया है कि मालवा जागृत है सोया हुआ नहीं है। यह कल्पना ही अद्भुत है कि हम जागृत भूमि के नागरिक हैं सोते हुए प्रदेश के नहीं। जागृत मालवा को देवर्षि नारद की तरह समाज से संवाद स्थापित करना चाहिए, तभी विश्व संवाद केंद्र का लक्ष्य पूर्ण होगा।
यह विचार सुविख्यात मनीषी और वेदों के भाष्यकार डॉ. मुरलीधर चाँदनीवाला ने विश्व संवाद केंद्र , मालवा प्रान्त की मासिक पत्रिका ” जागृत मालवा ” के विमोचन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उदबोधन में व्यक्त किए ।
सेवा करना और सेवा का महिमा गान करना दोनो में बहुत अंतर
डॉ. चाँदनीवाला ने पत्रिका के प्रथम अंक को कोरोना सेवा विशेषांक के रूप में प्रकाशित करने की प्रशंसा करते हुए कहा कि सेवा करना और सेवा का महिमा गान करना दोनो में बहुत अंतर है , किसी की सेवा करना अर्थात सेवित को अपनी रक्षा में लेना । इसीलिए वेदों में कहा गया है कि सेवा ही परम धर्म है, सेवा ही परम गति है अर्थात सेवा निवेश नहीं है अपितु सर्वांग समर्पण है। जागृत मालवा पत्रिका के प्रकाशन पर अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए आपने कहा कि यह पत्रिका शाश्वत मूल्यों पर आधारित है तथा विश्व कल्याण का चिंतन करती है।
सेवा ही साधना, कर्तव्य, ज्ञान, अध्यात्म है : गादिया
पत्रिका के विमोचन समारोह के मुख्य वक्ता के रूप में प्रसिद्ध समाजसेवी महेंद्र गादिया ने सेवा करने वाले व्यक्ति की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए कहा कि सेवा का भाव सेवा करने वाले व्यक्ति के चेहरे से पहचाना जा सकता है न कि कागज के पन्नो पर। सेवा ही साधना है , सेवा ही कर्तव्य है, सेवा ही ज्ञान है , सेवा ही अध्यात्म है । इसका विश्लेषण करते हुए गादिया ने बताया कि जिस तरह देश की सीमाओं पर खड़े सैनिक का एक ही लक्ष्य होता है देश को दुश्मनों से बचाना। ठीक उसी तरह से कोरोना काल मे प्रत्येक सेवाभावी व्यक्ति का एक ही लक्ष्य था कोरोना ग्रसित व्यक्ति को बचाना ।
जागृत मालवा मासिक पत्रिका के लोकार्पण के अवसर पर विश्व संवाद केंद्र के न्यासी ललित कोठारी ने अपने उदबोधन में न्यास की स्थापना एवं जागृत मालवा के मासिक प्रकाशन की पृष्ठभूमि पर प्रकाश डाला। समारोह में विशिष्ट अतिथि के रूप में रतलाम प्रेस क्लब अध्यक्ष राजेश जैन ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
दीप प्रज्वलन से विमोचन समारोह की शुरुआत
विश्व संवाद केंद्र के नगर प्रमुख पंकज भाटी ने बताया कि सर्वप्रथम विमोचन समारोह का शुभारंभ अतिथियों द्वारा देवी सरस्वती और आद्य संवाददाता देवर्षि नारद के चित्र के पूजन तथा दीप प्रज्ज्वलित करके किया गया। तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों का स्वागत अंग वस्त्र प्रदान कर झाबुआ के विश्व संवाद केंद्र प्रमुख विकास जोशी, जावरा के प्रमुख राहुल माण्डोत , रतलाम के नगर प्रमुख पंकज भाटी , सह नगर प्रमुख विजय जोशी ने किया। स्वागत के उपरांत ” जागृत मालवा ” पत्रिका का विमोचन मंचासीन अतिथियों द्वारा करतल ध्वनि से किया गया।
सेवाओं का किया सम्मान
मासिक पत्रिका के विमोचन के शुभ अवसर पर कोरोना काल मे अपनी सेवाओं के माध्यम से पीड़ित मानवता के लिए कार्य करने वाले दीपेश पाठक , दीपक खिमेसरा ,मनीष मालपानी और जीवमैत्री परिवार का अभिनंदन सम्मानित अतिथियों द्वारा किया गया। अतिथि परिचय देकर संचालन डॉ. रत्नदीप निगम ने किया। झाबुआ के रामचंद्र पाटीदार ने आभार व्यक्त किया।
यह थे मौजूद
इस गरिमामय समारोह में सेवा भारती के जिला संयोजक राकेश मोदी सहित रतलाम , झाबुआ और जावरा के प्रतिष्ठित , गणमान्य नागरिक और प्रबुद्ध जन उपस्थित रहे।