घर से विदा हो रही बेटी ने पिता से लिया वचन … जिस तरह मेरी परवरिश की, वैसी आपको इन पांच फलदार पौधों की करनी है देख भाल

 पिता का होता है सप्ताह में दो बार डायलीसिस

हरमुद्दा
रतलाम, 18 जुलाई। करमदी की एक बेटी जिस की आज उज्जैन मैं शादी है, अपने घर करमदी से विदाई के पूर्व  पिता से कहा पांच पौधे फलदार लगाकर उनकी देखरेख कर बड़ा करना है।

ज्ञातव्य है कि पिता राम गोपाल लोहार जो कि ( किडनी खराब ) गम्भीर बीमारी से पांच छः साल से पीड़ित है। हर सप्ताह दो डायलीसिस होती है। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने पर ही वर पक्ष पूरा शादी का खर्च उठा रहा है। शादी उनके यहां उज्जैन कर रहा है। बेटी दिव्या 22 वर्ष ने विदाई से पहले अपने पिता के घर पांच फलदार पौधे लगाए। दिव्या तीन बहन और एक भाई में दूसरे नं की है।
एक बड़ी बहन जिसकी शादी पांच वर्ष पहले हो चुकी है। एक छोटी बहन 19 वर्ष ओर एक भाई 10 वर्ष का है।

उन्होंने फलदार पौधे कर दिए भेंट

दिव्या के पौधे लगाने की इच्छा को देख जब करमदी विकास समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र राव को पता चली तो वे रतलाम की सागोद की शासकीय नर्सरी पहुंचे। वहां के वन रक्षक दिनेश कौशल ने बिटिया के प्रण पर खुश होकर खुद की ओर से पांच फलदार पौधै भेंट कर कहा कि यह मेरी तरफ से उपहार है। हर बेटी को ऐसा वचन पिता से लेना चाहिए। साथ ही दिव्या को नव दाम्पत्य जीवन की शुभकामनाएं दी।

समिति जन्म मृत्यु पर लगाती है पौधे

जन अभियान परिषद् की करमदी विकास समिति अध्यक्ष राव ने बताया कि समिति पूर्व में भी हर कन्या जन्म पर फलदार पौधा लगाती है और मृत्यु पर भी औषधीय पौधों का रोपण हर परिवार में करती है।

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