हड़ताल तोड़ने के लिए सरकार अपना रही नए-नए हंथकडे

 प्रदेश में 17 संगठनों के अधिकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर 

 प्रशासनिक अधिकारियों के बेतुके बयान

हरमुद्दा
रतलाम, 29 जुलाई। सरकार प्रशासनिक अधिकारियों से बेतुके आदेश करवाकर संयुक्त मोर्चा की हड़ताल तोड़ने का भरपुर प्रयास कर रही हैं। मनरेगा के कर्मचारियों को सेवा समाप्ति की धमकी दी जा रही हैं, वहीं कई जगह अधिकारियों के प्रभार देने के आदेश हो रहे हैं। हड़ताल तोड़ने के लिए सरकार नए हंथकडे अपना रही हैं किन्तु जब तक मांगों का निराकरण नहीं हो जाता हैं, तब तक संघर्ष जारी रहेगा।

यह बात संयुक्त मोर्चा के जिलाध्यक्ष सुजीत मालवीय ने कही। श्री मालवीय ने बताया कि कि म.प्र. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग संयुक्त मोर्चाे के प्रदेश व्यापी आह्वान पर 17 संगठनों के अधिकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हडताल कर धरने पर बैठे हैं 19 जुलाई से जारी हड़ताल को 10 दिन पूर्ण हो चुके हैं।

यह मौजूद रहे धरना स्थल पर

धरना स्थल पर कमलेश पापरीवाल,  सुशील आर्य, अनुराग अत्रे, दिनेश कैथवास, कोलसिंह पंवार, शत्रुध्नसिंह राठौर, बालाराम राठौर, प्रभुलाल मुनिया, शंकर भाभर, युसूफ खान, हिरालाल मकवाना, शांतिलाल सोलंकी, जगदीश गुजराती, अमित गीते, प्रकाश मेढ़ा, जितेन्द्र गुर्जर, शैलेन्द्रसिंह सोलंकी, जितेन्द्र मालवीय, बापूसिंह सिसोदिया, हेमराज परमार, बंकट धाकड, राधेश्याम चौहान, शांतिलाल चौहान, राधेश्याम सहित जिला, जनपद पंचायत एवं ग्राम पंचायतों के समस्त ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी उपस्थित रहें।

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