मंत्रि-परिषद बैठक के पहले मुख्यमंत्री ने कहा : बाढ़ प्रभावित जिलों में ध्वस्त अधोसंरचना को फिर से खड़ा करेंगे, बनेगा टॉस्क फोर्स
मकान क्षति, मृत्यु प्रकरण, फसल और मवेशी के नुकसान के लिए मिलेगी सहायता
हरमुद्दा
भोपाल, 06 अगस्त। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश के जिन जिलों में अति वर्षा और बाढ़ के कारण जान-माल का जो नुकसान हुआ है, उसके लिए प्रभावितों को आवश्यक सहायता प्राथमिकता से दी जाएगी।
मंत्रालय में शुक्रवार को केबिनेट बैठक के पहले मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के कुछ जिलों में बाढ़ से काफी क्षति हुई है। राहत के लिए राज्य सरकार कोई कसर नहीं छोड़ेगी। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जनता के लिए राहत कार्यों के उद्देश्य से विभिन्न विभाग शामिल कर टास्क फोर्स बनेगा। टास्क फोर्स में विभागों के मंत्री, अपर मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव शामिल रहेंगे। टास्क फोर्स में नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, जल संसाधन, स्वास्थ्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, ऊर्जा, राजस्व, कृषि और पशुपालन विभाग शामिल रहेंगे। अधोसंरचना को फिर से खड़ा करने के लिए आवश्यक व्यवस्थाएँ बनाई जाएगी। बाढ़ प्रभावित परिवार को 50 किलो अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदान किया जाएगा।
बाढ़ प्रभावितों के लिए पैकेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावितों के लिए पैकेज घोषित कर पूरी मदद की जायेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी आश्वस्त किया है कि सहायता देने में कोई कमी नहीं रहेगी। जिनके मकान नष्ट हो गये हैं, उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना में राशि दी जायेगी। इसके लिए मनरेगा से कन्वर्जेंस भी किया जाएगा। प्रति आवास इकाई के लिए एक लाख 20 हजार रुपए की व्यवस्था होगी। फिलहाल 6 हजार रुपए की एकमुश्त राशि देकर ऐसे नागरिकों को अन्यत्र किराये का मकान लेने या क्षतिग्रस्त मकान को रहने लायक बनाने के लिए सहायता दी जाएगी। जिन परिवारों के किसी सदस्य की असमय मृत्यु हुई है, ऐसे प्रकरण में 4 लाख रुपए की सहायता परिवार को प्राप्त होगी। खाद्यान्न की व्यवस्था के लिए भी निर्देश दिये जा रहे हैं।
जीवन में नहीं देखी ऐसी भयानक त्रासदी
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि उन्होंने ग्वालियर और चंबल संभाग के जिलों में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भ्रमण किया है। ऐसी भयानक आपदा उन्होंने जीवन में नहीं देखी। इस त्रासदी में अनेक मकान नष्ट हो गए। प्रभावित क्षेत्र में मलबे के ढेर दिखाई देते हैं। घरेलू सामान के साथ अनाज और आवश्यकता की अन्य वस्तुओं की क्षति हुई है। मवेशी भी बह गए हैं। अधोसंरचना भी क्षतिग्रस्त हुई है। बिजली के ट्रांसफार्मर और पोल भी गिरे हैं। अनेक स्थान भयानक तबाही के प्रमाण दे रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यह संतोष का विषय है कि समय पर रेस्क्यू किए जाने से अनेक जिंदगियाँ बचाई जा सकी। त्रासदी बड़ी है लेकिन हम परिश्रम की पराकाष्ठा करेंगे। मंत्री भी प्रभावित क्षेत्र में डटे हुए हैं। प्रशासकीय टीम भी हर जिले में सक्रिय है। राहत के कामों में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। आपदा से नागरिकों को बाहर निकाल कर ले आएंगे, यह हमारा संकल्प है।
राशन वितरण का कार्यक्रम की शुरुआत शनिवार को
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि शनिवार, 7 अगस्त को हो रहे प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के कार्यक्रम स्वरूप में कोई परिवर्तन नहीं किया जा रहा। सिर्फ बाढ़ प्रभावित जिले छोड़कर शेष जिलों में यथावत गतिविधियाँ होंगी। यह कार्यक्रम पूर्वानुसार होगा। बाढ़ प्रभावित जिलों शिवपुरी, श्योपुर, गुना, दतिया, भिंड, मुरैना और ग्वालियर में स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए उपभोक्ताओं को सिर्फ राशन वितरित करेंगे। इन जिलों में अन्य कोई कार्यक्रम नहीं रहेंगे। चूंकि काफी दिनों से इस कार्यक्रम की तैयारियाँ की जा रही थी, इसलिए गरीबों के कल्याण से जुड़े इस कार्यक्रम को बाकी जिलों में यथावत रखा गया है। बाढ़ प्रभावित परिवारों को पचास किलो अतिरिक्त अनाज दिया जायेगा। यह पूर्व में मिलने वाले दस किलो अनाज के अतिरिक्त होगा।
केंद्र को प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट भेजेंगे, फिर विस्तृत प्रतिवेदन भी भेजेंगे
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र सरकार को अभी एक रिपोर्ट प्रारंभिक सर्वे के बाद भेजी जा रही है। इसके पश्चात बाढ़ से हुई क्षति का विस्तृत प्रतिवेदन भी भेजा जाएगा। नागरिकों को पात्रता के अनुसार अधिकतम सहायता मिले इसके लिए प्रत्येक विभाग को सक्रिय भूमिका के लिए कहा गया है। बाढ़ प्रभावित जिलों में प्रमुख रूप से शिवपुरी, श्योपुर, गुना, दतिया, गवालियर, भिंड, मुरैना जिले हैं।
सेना और आपदा दलों का आभार माना
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की जिंदगी बचाने के लिए रेस्क्यू आपरेशन में संलग्न सभी व्यक्तियों और एजेंसियों का आभार माना। बोट और हेलीकाप्टर के माध्यम से बचाव कार्य के लिए सक्रिय भूमिका निभाने पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सेना, वायुसेना, होमगार्ड, एस.डी.आर.एफ., एन.डी.आर.एफ., स्थानीय प्रशासन, प्रभारी और स्थानीय मंत्रियों के प्रति आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि दतिया में डॉ. नरोत्तम मिश्र, गुना और शिवपुरी में महेंद्र सिंह सिसोदिया और यशोधरा राजे सिंधिया, ग्वालियर में तुलसी सिलावट और प्रद्युम्न सिंह तोमर, श्योपुर और मुरैना में भारत सिंह, भिंड में अरविंद भदौरिया और ओ.पी.एस भदौरिया निरंतर सक्रिय रहे। आम जनता को बाढ़ से निकालने में इन सभी ने बहुत परिश्रम किया और अभी भी मैदान में डटे हैं।
सामाजिक संगठनों के सहयोग से देंगे प्रभावित लोगों को मदद
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि सामाजिक संस्थाओं और जन-सहयोग से बाढ़ प्रभावितों को राहत पहुँचाएंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि एक अपील पर कल ही ग्वालियर से श्योपुर अनाज लेकर ट्रक रवाना हुए हैं। सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से प्रभावितों तक फूड पैकेट पहुँचाएंगे। साथ ही सूखा अनाज भी देंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रभारी और स्थानीय मंत्री ऐसे कार्यों को अपने नेतृत्व में सम्पन्न करवायें। बड़े कस्बों से ग्रामों तक ऐसी मदद पहुँचाना ज्यादा आसान है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपील की कि आसपास के ग्रामों के लोगों को तैयार भोजन आपूर्ति भी करें। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ भी गतिशील होकर लोगों की सहायता करेंगी। जिला, ब्लाक और ग्राम स्तर की कमेटियाँ राहत और पुनर्वास के कार्यों में लगेंगी।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राजनीतिक दलों से भी बाढ़ प्रभावितों की मदद के लिए सहभागी होने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जिन परिवारों में व्यक्ति के जीवन, अनाज या फसल की क्षति और पशु हानि हुई है, उन परिवारों को सहायता देंगे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जल स्त्रोतों का शुद्धिकरण कर फिर उपयोगी बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्राथमिकता से विद्युत व्यवस्था बहाल होगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यह कार्य प्रारंभ भी हो गया है।
अपर मुख्य सचिव गृह डॉ.राजेश राजौरा ने प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें बाढ़ से अधोसंरचना नुकसान और वर्तमान हालात की जानकारी दी गई। प्रदेश में वर्षा की स्थिति का भी ब्यौरा दिया गया।
कोरोना से सतर्क रहने के लिए सावधानियाँ बरतें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कैबिनेट बैठक से पहले अपने संबोधन में कहा कि सभी जिलों में कोरोना से बचाव के लिए पहले बरती गई सावधानियाँ कायम रहना चाहिए। मास्क के उपयोग और परस्पर दूरी का ध्यान रखा जाये। जिन जिलों में पॉजिटिव प्रकरण सामने आ रहे हैं, वहाँ माइक्रो कंटेंनमेन्ट एरिया बनाये जायें। क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटियाँ सजग रहें। लापरवाही न हो, सेम्पलिंग कार्य ठीक तरीके से होता रहे, यह सुनिश्चित किया जाए।