पद का दुरुपयोग : महिला बाल विकास विभाग की रिश्वतखोर महिला पर्यवेक्षक को 4 साल के सश्रम कारावास सजा के साथ 20 हजार अर्थदण्ड

 आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की मिन्नत के बावजूद नहीं मानी 4 माह के वेतन के बराबर रिश्वत मांगी

हरमुद्दा
शाजापुर, 6 सितंबर। महिला बाल विकास विभाग की रिश्वतखोर महिला पर्यवेक्षक को 4 साल की सजा और अर्थदंड से दंडित किया गया है। यह फैसला ( Decision) विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम शाजापुर मनोज कुमार शर्मा ने सुनाया। आरोपिया प्रियंका चौहान तत्कालीन पर्यवेक्षक महिला एवं बाल विकास विभाग  कार्यालय बडौद, जिला आगर मालवा को दो धाराओं में चार-चार वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई, वहीं दस-दस हजार जुर्माना लगाया है।

जिला मीडिया प्रभारी एवं एडीपीओ सचिन रायकवार ने हरमुद्दा को बताया कि आवेदिका कमलाबाई आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ग्राम खेड़ा नरेला तहसील बड़ोद जिला आगर मालवा से आरोपिया ने 20,000 रुपए रिश्वत की मांग की।

नहीं दिए रुपए तो निकाल देगी नौकरी से

आरोपिया ने यह भी कहा कि यदि वह उसे उक्त रिश्वत जो आवेदिका के चार माह के वेतन के बराबर हो रही थी, आरोपिया को नहीं देगी तो आरोपिया आवेदिका को नोटिस देगी। उसके खिलाफ कार्रवाई कर उसे नोकरी से हटाकर उसकी सेवा समाप्त करा देंगी।

लाख मिन्नतें के बावजूद आरोपिया रिश्वत की करती रही मांग

उक्त के संबंध में आवेदिका ने 11 सितंबर 2017 को लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को  लिखित शिकायत आवेदन दिया। जिस पर लोकायुक्त उज्जैन द्वारा सम्पादित  डिजिटल वाइस रिकार्डर  की कार्रवाई के दौरान 12 सितंबर 2017 को आरोपिया ने आवेदिका से पुनः उक्त रिश्वत की मांग की और आवेदिका ने लगभग 2 से 2.30 घंटे तक काफी मिन्नते की फिर भी आरोपिया आवेदिका से उक्तानुसार  बार बार  20,000 रुपए रिश्वत की मांग करती रही।

ट्रेप के दौरान जब तक हुई आरोपियों से राशि

14 सितंबर 2017 को आंगनवाड़ी केंद्र ग्राम बिलिया तहसील बडौद जिला आगर मालवा में 20,000 रुपए रिश्वत राशि आरोपिया ने आवेदिका  कमलाबाई से प्राप्त  की, जो आरोपिया प्रियंका चौहान से ट्रेप कार्रवाई के दौरान जप्त की गई।

गवाह कराए गए अभियोजन की ओर से

तत्कालीन उप पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन के संजय जैन द्वारा प्रकरण में ट्रेप कर उक्त कार्रवाई की गई थी। लोकायुक्त  उज्जैन की ओर से प्रकरण में चालान प्रस्तुत किए जाने पर अभियोजन की ओर से  गवाह कराए गए। विपुस्था लोकायुक्त उज्जैन के आरक्षक संदीप कदम द्वारा सराहनीय सहयोग किया गया।

तर्क से सहमत होकर सुनाई सजा

प्रकरण के पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक सचिन रायकवार एडीपीओ शाजापुर ने प्रकरण में मौखिक व लिखित तर्क प्रस्तुत किए जिनसे सहमत होते हुए न्यायालय द्वारा आरोपिया को दण्डित किया गया। न्यायाधीश ने आरोपिया प्रियंका चौहान, पर्यवेक्षक  महिला एवं बाल विकास विभाग  कार्यालय बडौद, जिला आगर मालवा को दोषसिद्ध पाते हुए धारा 7 भ्र.नि.अ. 1988 के अंतर्गत 4 वर्ष के सश्रम कारावास और 10,000 रुपए के अर्थदण्ड से तथा धारा 13(1)डी, सहपठित धारा 13(2) भ्र.नि.अ. 1988 के अंतर्गत 4 वर्ष के सश्रम कारावास और 10,000 रुपए के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

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