शांति प्रक्रिया को बढ़ावा : केंद्र और नागालैंड के निकी समूह के बीच युद्ध विराम समझौता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का मिला मार्गदर्शन
समूह के 200 से अधिक कैडर 83 हथियारों के साथ शांति प्रक्रिया हुए में शामिल
हरमुद्दा
गुरुवार, 9 सितंबर। ‘उग्रवाद मुक्त और समृद्ध उत्तर पूर्व’ के विजन के तहत भारत सरकार और नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड NSCN (के) निकी समूह के बीच युद्ध विराम समझौता हुआ। इस समूह के 200 से अधिक कैडर 83 हथियारों के साथ शांति प्रक्रिया में शामिल हुए हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘उग्रवाद मुक्त और समृद्ध उत्तर पूर्व’ के विजन के तहत और केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में नागा शांति प्रक्रिया को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा देने के लिए बुधवार को प्रभावी और एक वर्ष की अवधि के लिए युद्ध विराम समझौता हुआ है। इस समूह के 200 से अधिक कैडर 83 हथियारों के साथ शांति प्रक्रिया में शामिल हुए हैं। युद्धविराम समझौते और सहमत युद्धविराम आधार नियमों पर 08 सितंबर, 2021 को हस्ताक्षर किए गए।
संघर्ष विराम समझौते पर किए हस्ताक्षर
भारत सरकार ने पहले ही एनएससीएन (आईएम) के साथ एक फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं और अन्य नागा समूहों जैसे एनएससीएन (एनके), एनएससीएन (आर) और एनएससीएन (के) – खांगो के साथ संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
आत्म समर्पण कर समाज की मुख्यधारा में हुए शामिल
इससे पहले भारत सरकार ने अगस्त, 2019 में एनएलएफटी (एसडी) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसके तहत 88 कैडर 44 हथियारों के साथ त्रिपुरा में समाज की मुख्यधारा में शामिल हुए थे। जनवरी 2020 में, बोडो समझौते के साथ ही, एनडीएफबी के सभी गुटों सहित विद्रोही समूहों के 2,250 से अधिक कैडर ने 423 हथियारों और भारी मात्रा में गोला-बारूद के साथ असम में आत्म समर्पण किया था और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो गए थे। 23 मार्च 2021 को, असम के विभिन्न भूमिगत कार्बी समूहों के 1040 नेताओं/कैडरों ने 338 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया, जिसके बाद 04 सितंबर 2021 को कार्बी आंगलोंग समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।