फिर शनिवार को एक और मुख्यमंत्री ने दिया पद से इस्तीफा

 2 महीने में 3 बार बुलाया दिल्ली, उससे है खफा कैप्टन अमरिंदर सिंह

 आलाकमान को है भरोसे की कमी, राज्यपाल को सौंपा इस्तीफा

 5 महीने में है पंजाब में चुनाव

हरमुद्दा
चंडीगढ़ 18 सितंबर। फिर शनिवार को एक और मुख्यमंत्री ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। गत शनिवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने पद से इस्तीफा दिया था। आज शनिवार को कैप्टन अमरिंदर सिंह    (Captain Amarinder Singh) ने पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। पिछले शनिवार को जहां भाजपा ने गुजरात के मुख्यमंत्री से इस्तीफा लिया था, वही इस शनिवार को कांग्रेस ने पंजाब के मुख्यमंत्री से इस्तीफा ले लिया।

कैप्टन अमरिंदर सिंह का कहना है कि कथित तौर पर कांग्रेस ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया। 2 महीने में 3 बार दिल्ली बुलाया गया उससे खफा है अमरिंदर सिंह। आलाकमान को मुझ पर भरोसा नहीं है। राज्यपाल को उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया है। राजनीति में मेरे पास विकल्प है। पार्टी ने बीती रात आज शाम पांच बजे विधायकों की बैठक की घोषणा की थी। उल्लेखनीय है कि आगामी 5 माह में पंजाब के चुनाव होना है।

सूत्रों का कहना है कि पंजाब कांग्रेस के 80 में से 50 से अधिक विधायकों ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर मांग की थी कि अमरिंदर सिंह को मुख्यमंत्री के पद से हटाया जाए। जिससे पार्टी को विधायकों की आपात बैठक बुलानी पड़ी।

इस तरह का अपमान ठीक नहीं कहा सोनिया से

उग्र अमरिंदर सिंह उर्फ “कैप्टन” ने कथित तौर पर सोनिया गांधी से कहा था, “इस तरह का अपमान काफी है, यह तीसरी बार हो रहा है। मैं इस तरह के अपमान के साथ पार्टी में नहीं रह सकता.” अमरिंदर सिंह ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था, जिससे कांग्रेस में विभाजन और फ्लोर टेस्ट की संभावना बढ़ रही थी।

राज्यपाल कर सकते हैं राष्ट्रपति शासन की सिफारिश

पंजाब की रानीति में यही माहौल जारी रहता तो राज्यपाल राजनीतिक अस्थिरता और कृषि विरोध का हवाला देकर राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते थे।
अमरिंदर सिंह ने अपने वफादारों की रैली के लिए विधायकों की एक बैठक भी बुलाई थी। 117 सदस्यीय पंजाब विधानसभाओं के लिए अगले साल होने वाले मतदान में यह संकट चुनाव से पहले ही संख्या के खेल की ओर बढ़ रहा है।

अकालियों की रीढ़ को हिला दिया

सुनील जाखड़ ने घोषणा की थी अमरिंदर सिंह पंजाब का शीर्ष पद छोड़ रहे हैं। जाखड़ ने ट्वीट किया, “गोर्डियन गांठ (जटिल समस्या) के इस पंजाबी संस्करण के लिए अलेक्जेंड्रिया समाधान को अपनाने के लिए राहुल गांधी को बधाई। आश्चर्यजनक रूप से पंजाब कांग्रेस की गड़बड़ी को हल करने के इस साहसिक निर्णय ने न केवल कांग्रेस कार्यकर्ताओं को उत्साहित किया है, बल्कि अकालियों की रीढ़ को हिला दिया है।

खत्म नहीं हुई कड़वाहट

पंजाब में नवजोत सिंह सिद्धू के साथ अमरिंदर सिंह की तनातनी को लेकर नाटकीय रूप से बढ़ गया है।
जुलाई में अमरिंदर सिंह के उग्र प्रतिरोध के बावजूद, पार्टी ने नवजोत सिद्धू को अपना पंजाब प्रमुख नियुक्त किया लेकिन कड़वाहट खत्म नहीं हुई। पिछले महीने चार मंत्रियों और लगभग दो दर्जन पार्टी विधायकों ने अमरिंदर सिंह के खिलाफ शिकायतें की और नेतृत्व से कहा कि उन्हें चुनावी वादों को पूरा करने की उनकी क्षमता पर कोई भरोसा नहीं है।

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