दो महिलाओं ने पहना मौत का हार, एक को था पति के भूखे जाने का मलाल, तो दूसरी थी बीमार
जिंदगी जीने की बजाय मौत लग रही है आसान
हरमुद्दा
रतलाम, 18 सितंबर। समय पर खाना नहीं बना पाई और पति भूखा चला गया, इसका ममता को मलाल था। वहीं रुपाली थायराइड की बीमारी से तंग आ गई। दोनों को जिंदगी जीने की बजाय मौत आसान लगी और दोनों ने मौत का हार पहन लिया, यानी कि फांसी पर झूल गई। दोनों की उम्र 29 व 30 साल बताई जा रही है। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जावरा की सज्जन विहार कॉलोनी में ऑटो गैरेज संचालक परसराम पाटीदार की पत्नी ममता पाटीदार सुबह खाना बनाने में लेट हो गई तो पति भूखा ही काम पर चला गया। बस इसी से दु:खी होकर उसने मौत को गले लगा लिया।
तो परसराम चला गया भूखा
पति परसराम से पूछताछ में पता चला कि वह मूलत: मंदसौर जिले के गुराड़िया लालमुहां गांव के निवासी है। यहां किराए से रहते। उसका फोरलेन (forelane) के सर्विस लेन किनारे ऑटो गैरेज है। रोज सुबह करीब 9.30 बजे खाना खाकर गैरेज पर जाता है। शुक्रवार सुबह पत्नी ममता खाना बनाने में थोड़ी लेट हो गई तो पति परसराम भूखा चला गया।
कोचिंग से बेटी को लाया तो चला घटना का पता
हर दिन की तरह 8 साल की बेटी को बाइक से कोचिंग छोड़ने गया। वहां से उसे लेकर सुबह 11.30 बजे वापस आया तो दरवाजा बंद था। पति ने दरवाजे को जोर से धक्का दिया तो वह खुल गया। ममता पंखे से बंधी रस्सी पर लटक रही थी। सिविल अस्पताल में डॉक्टर ने ममता को मृत घोषित कर दिया। ममता के मायके दलमू मगरा तहसील सीतामऊ से परिजन भी आ गए।
रेलवे के असिस्टेंट ड्राइवर की पत्नी की बीमारी से थी परेशान
रतलाम शहर के रेलवे कॉलोनी क्षेत्र स्थित सांस्कृतिक भवन के पास निवासी रेलवे के असिस्टेंट ड्राइवर (assistant driver) चरतलाल मीणा की पत्नी रुपाली मीणा 30 वर्षीय ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतिका लम्बे समय से थाइराइट (Thyrite) की बीमारी से परेशान थी और दो दिन पूर्व ही सवाई माधवपुर स्थित अपने मायके से आई थी। परिजनों के अनुसार उसका सवाई माधवपुर के किसी निजी अस्पताल में इलाज भी चल रहा था। लेकिन मृतिका को अपने स्वास्थ में कोई सुधार नहीं लग रहा था। जिसकी वजह से वह परेशान रहती थी और इसी के चलते महिला ने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। शनिवार को मृतिका के शव का पोस्टमार्टम कर शव परिजनों को सौप दिया गया।