जामण पाटली में प्रतिमाओं का विसर्जन : अनहोनी को आमंत्रण, जिला प्रशासन का नहीं नियंत्रण
रोकने के लिए जिला और नगर निगम प्रशासन का कोई बंदा नहीं
विसर्जन के लिए नदी में उतरते रहे लोग
हरमुद्दा
रतलाम, 19 सितंबर। रविवार को बाजना रोड स्थित जामण पाटली नदी पर प्रतिमा विसर्जन के लिए लोगों की भीड़ रही। सैकड़ों की भीड़ अनहोनी को आमंत्रण देते रही, मगर जिला एवं नगर निगम प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं रहा। शायद जिम्मेदारों को पता नहीं है कि जामण पाटली पर भी प्रतिमाओं का विसर्जन होता है।
शहर में 10 सितंबर से गणेश उत्सव मनाया जा रहा है जिसका समापन रविवार को हुआ। झमाझम बारिश के रुकते ही प्रतिमाओं को विसर्जित करने के लिए लोग घरों से निकल गए। शहर के दक्षिणी क्षेत्र सहित मध्य क्षेत्र के काफी संख्या में जामण पाटली की ओर प्रतिमा लेकर गए और विसर्जन किया, लेकिन सुरक्षा का जरा भी ध्यान नहीं रखा गया।
स्वाभाविक था नदियों में पानी का तेज बहाव
खरी खरी बात तो यह है कि रविवार को सुबह से झमाझम बारिश हो रही थी। घरों में पानी घुस रहा था। ऐसे में नदी नालों में भी पानी का बहाव तेज होना स्वाभाविक था फिर भी जिला और नगर निगम प्रशासन में जामण पाटली व रानीसिंग की माही नदी जैसी नदियों पर कोई ध्यान नहीं दिया। नतीजतन लोग वहां पर प्रतिमा लेकर नदी में विसर्जन करने के लिए जाते हुए नजर आए। ऐसे में यदि पानी का बहाव एकदम बढ़ जाता तो नदी में उतरने वाले बिना वजह बह जाते।
ऐसे उत्साही तो को रोकने वाला कोई नहीं वहां
ऐसे उत्साहित लोगों को रोकने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन कोई इंतजाम नहीं किया, जबकि सुबह से शहर में हो रही बारिश को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात करनी चाहिए थी, ताकि लोग मनमानी न कर सके और नदी में ना जा सके।
जिम्मेदारों ने केवल हनुमान ताल पर ही प्रतिमा विसर्जन स्थल का निरीक्षण कर इतिश्री कर ली। जबकि तेज बारिश के बाद जामण नदी में पहले भी भाव तेज हुआ है और लोग बहे हैं। उससे भी सबक नहीं लिया।
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