देश का पहला राज्य होगा मध्य प्रदेश “साथी” परियोजना लागू करने में, 26 जिलों के 100 विकासखण्डों के लिए योजना
योजना प्रारंभ में पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 5 जिलों के 10 विकासखण्डों में लागू
किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य की पूर्ति में होगी कारगर सिद्ध
हरमुद्दा
भोपाल, 5 अक्टूबर। मध्य प्रदेश ”साथी” सस्टेनेबल एग्रिकल्चर थ्रू होलिस्टिक इन्टीग्रेशन परियोजना
(Sustainable Agriculture Through Holistic Integration Project) लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा। यह परियोजना के किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के लक्ष्य की पूर्ति में कारगर सिद्ध होगी साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आत्म-निर्भर भारत एवं आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के स्वप्न को पूरा करने में भी सहायक होगी।
यह बात पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसौदिया ने कही। मंत्री श्री सिसोदिया ने निर्देश दिए कि योजना को व्यवहारिक स्वरूप दिया जाए, जिससे इसका अधिक से अधिक लाभ किसानों को मिले।
5 जिलों के 10 विकासखंड में पहले लागू होगी योजना
उन्होंने योजना की नोडल एजेंसी नाफेड को निर्देश दिए कि इसकी विस्तृत कार्य-योजना बनाकर केन्द्र सरकार को भिजवाई जाए तथा वहाँ से इसके लिए फंडिंग भी प्राप्त की जाए। योजना प्रारंभ में पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में प्रदेश के 5 जिलों के 10 विकासखण्डों में लागू होगी। मंत्री श्री सिसोदिया आज मंत्रालय में साथी परियोजना संबंधी बैठक ले रहे थे।
26 जिलों के 100 विकासखण्डों के लिए योजना
योजना संबंधी प्रस्तुतिकरण में नाफेड के मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि प्रथम चरण में यह योजना प्रदेश के 26 जिलों गुना, सतना, अशोकनगर, ग्वालियर, रीवा, मुरैना, अलीराजपुर, बालाघाट, बड़वानी, छतरपुर, धार, पन्ना, राजगढ़, श्योपुर, शहडोल, शिवपुरी, टीकमगढ़, झाबुआ, सीहोर, कटनी, रायसेन, अनूपपुर, सिवनी, देवास, उमरिया सहित दमोह के 100 विकासखण्डों के लिए बनाई गई है।
3 हजार 380 करोड़ रुपए होंगे खर्च
योजना के अंतर्गत 100 साथी बाजार, 7319 वेअर हाउस, 2133 कोल्ड स्टोरेज, 405 ग्रेडिंग यूनिट तथा 2126 कृषि उत्पाद प्र-संस्करण इकाइयाँ स्थापित की जाएंगी। इन पर लगभग 3 हजार 380 करोड़ रुपए का अनुमानित व्यय होगा।
योजना के होंगे 5 घटक
”साथी” योजना के 5 घटक साथी कृषक समूह, साथी प्र-संस्करण केन्द्र, साथी उद्योग, साथी बाजार तथा कॉमन फेसिलिटी सेंटर होंगे। गाँवों में एक समान उत्पादन करने वाले किसानों के समूह बनाए जाएंगे। उत्पादों के भंडारण एवं प्राथमिक मूल्य संवर्धन का कार्य पंचायत स्तर पर साथी प्र-संस्करण केन्द्र करेंगे। विकास खण्ड स्तर पर स्थानीय उत्पादों पर आधारित छोटे उद्योग लगाए जाएंगे। विपणन के लिए विकासखण्ड स्तर पर साथी बाजार बनाए जाएंगे। उत्पादों के प्र-संस्करण, पैकेजिंग, अनुसंधान, प्रशिक्षण आदि के लिए संभाग स्तर पर कॉमन फेसिलिटी सेंटर बनाए जाएंगे।
आधुनिक रिटेल आउटलैट
विकासखण्ड स्तर पर स्थापित किए जाने वाले साथी बाजार आधुनिक रिटेल आउटलेट होंगे, जिन्हें 4 हजार वर्ग फीट पर बनाया जाएगा। इनमें वेअर हाउस, कोल्ड स्टोरेज, ट्रेनिंग सेंटर, होस्टल, दुकानें, बैंक, फूड कोर्ट, डेयरी, गेम जोन आदि बनाए जाएंगे।
यह थे मौजूद
अपर मुख्य सचिव अशोक वर्णवाल, अपर मुख्य सचिव जे एन कंसोटिया, प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव तथा संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।