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सुकर्मा योग में दुर्गा महाअष्टमी पूजन आज, मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम

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 गुरुवार को मनाया जाएगा नवमी उत्सव

 15 अक्टूबर का होगा दशहरा

हरमुद्दा
बुधवार, 13 अक्टूबर। शहर एवं जिले में नवरात्रि उत्सव धार्मिक उमंग उल्लास और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। आठ दिवसीय नवरात्रि के तहत सुकर्मा योग में बुधवार 13 अक्टूबर को दुर्गा महाष्टमी का पूजन होगा। यह योग मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माना गया है।

पंडित दुर्गाशंकर ओझा ने हरमुद्दा Harmudda को बताया कि नवरात्रि उत्सव के तहत बुधवार को दुर्गा महाष्टमी पर्व मनाया जाएगा। दुर्गा अष्टमी सुकर्मा योग में है। सुकर्मा योग को मांगलिक कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है। दुर्गा अष्टमी के दिन राहुकाल दोपहर 12:07 बजे से दोपहर 01:34 बजे तक है। ऐसे में आप राहुकाल का ध्यान रखते हुए दुर्गा अष्टमी की पूजा और हवन कर सकते हैं। श्री कालिका माता मंदिर में अष्टमी पर हवन किया जाएगा। गुरुवार को नवमी पूजन कर नवरात्रि का समापन होगा 15 अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा।

दुर्गा अष्टमी व्रत यह करें श्रद्धालुजन

अष्टमी के दिन स्नान आदि से निवृत होकर आप स्वच्छ वस्त्र धारण करें। उसके बाद हाथ में जल और अक्षत् लेकर दुर्गा अष्टमी व्रत करने तथा मां म​हागौरी की पूजा करने का संकल्प लें। इसके बाद पूजा स्थान पर मां महागौरी या दुर्गा जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित कर दें। कलश स्थापना किया है, तो वहीं पूजा करें। पूजा में मां महागौरी को सफेद और पीले फूल अर्पित करें। नारियल का भोग लगाएं। ऐसा करने से देवी महागौरी प्रसन्न होती हैं। नारियल का भोग लगाने से संतान संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। पूजा के समय महागौरी बीज मंत्र का जाप करें और अंत में मां महागौरी की आरती करें।

धर्मालुजन रखते हैं आज भी व्रत

शारदीय नवरात्रि में महाष्टमी व्रत या दुर्गा अष्टमी व्रत का विशेष महत्व होता है। जो लोग नवरा​त्रि के प्रारंभ वाले दिन व्रत रखते हैं, वे दुर्गा अष्टमी का भी व्रत रखते हैं। दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की आराधना की जाती है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव को पाने के लिए कई वर्षों तक मां पार्वती ने कठोर तप किया था, जिससे उनके शरीर का रंग काला हो गया था। जब भगवान शिव उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए तो उन्होंने उनको गौर वर्ण का वरदान भी दिया। इससे मां पार्वती महागौरी भी कहलाईं। महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी को व्रत करने और मां म​हागौरी की आराधना करने से व्यक्ति को सुख, सौभाग्य और समृद्धि भी मिलती है। सब पाप भी नष्ट हो जाते हैं। आइए जानते हैं कि दुर्गा अष्टमी की सही तिथि, व्रत एवं पूजा विधि, मंत्र आदि क्या हैं? दुर्गा अष्टमी के दिन कई स्थानों पर कन्या पूजन और हवन भी किया जाता है।

शहर में नवरात्रि उत्सव की धूम

नवरात्रि उत्सव की धूम शहर में चारों ओर नजर आ रही है। खास जगह पर गरबा नृत्य के माध्यम से मां अंबे की आराधना की जा रही है। कई स्थानों पर प्रतिमा स्थापित कर आरती का आयोजन किया जा रहा है।

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