कोजागिरी पौर्णिमा उत्सव : अजी रूठ कर अब कहाँ जाईएगा, ये राते ये मौसम नदी का किनारा, जारे जा ओ हरजाई, गीतों ने कर दिया भाव विभोर

 एक से बढ़कर एक हिन्दी एवं मराठी  गानों की प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं से बटोरी दाद

 महाराष्ट्र समाज भवन में मनाया  कोजागिरी पौर्णिमा उत्सव

हरमुद्दा
रतलाम, 21 अक्टूबर। प्रथम तुला वंदितो ,चांदी जैसा रंग हे तेरा, अरे मन मोहना, याद किया दिल ने कहा, अजी रूठ कर  अब कहाँ जाईएगा, ये राते ये मौसम नदी का किनारा, जारे जा ओ हरजाई, नको देव राया , चन्द्र आहे साक्षी ला, येऊ कशी प्रिये,  सहित एक से बढ़कर एक हिन्दी एवं मराठी  गानों की प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।

अवसर था गत रात्रि महाराष्ट्र समाज द्वारा स्टेशन रोड स्थित महाराष्ट्र समाज भवन में आयोजित  कोजागिरी  पौर्णिमा उत्सव के उपलक्ष्य में गीतांजलि सिंगिंग ग्रुप, देवास द्वारा प्रस्तुत संगीत कार्यक्रम का। कार्यक्रम के प्रारंभ में कलाकारों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यापर्ण किया गया।

इन्होंने दी प्रस्तुतियां

कार्यक्रम मे हर्षदा चालीसगांवकर, श्वेता आठवले, उदय टाकलकर , दीपक कर्पे, अभय मुले, आदि ने प्रस्तुति दी।

यह थे मौजूद

इस अवसर पर महाराष्ट्र समाज अध्यक्ष सुधीर सराफ,उपाध्यक्ष राजेन्द्र वाघ, सचिव राजेन्द्र सिद्धेश्वर, मिलिंद करंदीकर, अरुण पोटाडे़, सुनील पाटील, भूषण बर्वे, वीरेन्द्र कुलकर्णी, दिलीप कुलकर्णी, श्याम विन्चुरकर, संतोष कोलंबेकर, विवेक राणे, नितिन बोरगांंवकर, पराग रामपुरकर, प्रवीण जलगांवकर , अपूर्व रांगणेकर नयन सुभेदार,पीयूष नेने,  संजय पंडित, नरेंद्र पांंढारकर, राजू मुले, संध्या सराफ, प्रियंका झारे, वैशाली बोरगांवकर, वर्षा रांगणेकर,भाग्यश्री बर्वे, प्रतीक्षा रामपुरकर, सविता पांंढ़रकर, किरण छाबड़ा, अमिता जलगांंवकर, श्रुति तबकडे, रुपाली तबकडे, किशोर जोशी  सहित समाजजन उपस्थित थे। संचालन पराग रामपुरकर ने  किया। आभार कल्पना पोटाडे़  माना।

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