मामला अभिभाषक संघ के  पदाधिकारियों को गोली मारने की धमकी देने का : अभिभाषक रहे कार्य से विरत, मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

 धमकी भरे पत्र को लेकर अभिभाषकों में रोष व्याप्त

 तीन दिन बाद भी धमकी देने वाले का नहीं चल पता

हरमुद्दा
रतलाम, 28 अक्टूबर। जिला अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अभय शर्मा को इस्तीफा नहीं देने पर गोली मारने की धमकी देने और उपाध्यक्ष तथा सचिव से भी इस्तीफा देने के धमकी भरे पत्र को लेकर अभिभाषकों में रोष व्याप्त है। तीन दिन बाद भी धमकी देने वाले का पता नहीं चल पाया है। इसके विरोध में अभिभाषकों ने गुरुवार को न्यायालय में काम नहीं किया व न्यायालीयन कार्य से दूर रहकर एसडीएम अभिषेक गेहलोत को मुख्यामंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। न्यायालय में अभिभाषकों के कार्य से विरत रहने से कामकाज ठप रहा। ज्ञापन में एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने व अभिभाषकों की सुरक्षा की मांग की है।

अभिभाषक सुनील पारिख ने हरमुद्दा को बताया कि गुरुवार दोपहर में बड़ी संख्या में अभिभाषक न्यायालय परिसर में एकत्र हुए। इसके बाद वे कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां उपाध्यक्ष नीरज सक्सेना ने ज्ञापन का वाचन किया। अध्यक्ष अभय शर्मा व अन्य अभिभाषकों ने एसडीएम अभिषेक गेहलोत को ज्ञापन सौंपा।

डाक से मिला धमकी भरा पत्र

ज्ञापन में कहा गया है कि 26 अक्टूबर को अभिभाषक संघ के अध्यक्ष अभय शर्मा को उनके चैम्बर में डाक से आया धमकी भरा लिफाफा मिला था। जिसमें कापी के पेज में पत्र था। पत्र में लिखा था अध्यक्ष अभय शर्मा कल तक अपने पद से इस्तीफा देगा, साथ में उपाध्यक्ष व सचिव भी इस्तीफा दे। पत्र में अभ्रद भाषा का उपयोग करते हुए यह भी था कि ऐसा न होने पर हम तुझे गोली मार देंगे। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि गोली तुझे लगे या तेरे परिवार को। पत्र के अंत में वसीम नाम लिखा है। इसके बाद स्टेशन रोड थाने पर प्रकरण दर्ज कराया गया था। उक्त  पत्र मिलने से अभिभाषकों में सनसनी फैल गई व उनमें रोष है। वहीं पत्र मिलने की घटना से अध्यक्ष, उपाध्यक्ष ओर सचिव व उनका परिवार भयभीत है।

भय के वातावरण में कैसे करें अपने दायित्व का निर्वहन

अभिभाषक संघ के पदाधिकारीगण गणमान्य व संभ्रांत व्यक्ति होते है। यदि इस प्रकार की धमकी किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा अभिभाषक संघ के पदाधिकारियों को दी जाएगी तो यह समझ से परे है। अभिभाषक संघ के पदाधिकारी इस प्रकार के भय के माहौल में संघ के प्रति अपने दायित्व का निर्वहन कैसे कर सकेंगे, यह एक विचारणीय प्रश्न है। पिछले कुछ वर्षों से अभिभाषकों के प्रति होने वाली अप्रिय व अकल्पनीय घटना से अभिभाषक समुदाय भय के माहौल में कार्य करने के लिए विवश है। अभिभाषक संघ के पदाधिकारी संपूर्ण अभिभाषकगणों का प्रतिनिधित्व करते है। यदि इस प्रकार की धमकी किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा पदाधाकारियों को दी जाएगी तो यह समझ से परे है। पदाधिकारियों पर इस्तीफे का दबाव डालना व गोली मारने की धमकी देना संपूर्ण अभिभाषक संघ पर दबाव डालने व भयभीत करने के समान है।

प्रशासन के लिए भी नि:संदेह गंभीर विचार का विषय

यदि अभिभाषक संघ जैसी विशिष्ट संभ्रांत संस्था के पदाधिकारियों को इस प्रकार भयभीत किया जाएगा तो यह प्रशासन के लिए भी नि:संदेह गंभीर विचार का विषय है। अभिभाषकों द्वारा कई बार मध्यप्रदेश शासन से एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग की गई व प्रशासन को ज्ञापन दिए गए लेकिन अभी तक एडवोकेट प्रोक्टेशन एक्ट अस्तित्व में नहीं आया है। इस कारण धमकी मिलना आम होता जा रहा है। अभिभाषकण की समाज में छवि धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है व असामाजिक तत्व हावी हो रहे है।

एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट किया जाए लागू

जब तक एक्ट लागू नहीं किया जाता, तब तक प्रशासन द्वारा प्रत्येक अभिभाषक को अपनी व परिवार की सुरक्षा के लिए सुरक्षात्मक हथियार के रूप में रिवाल्वर का लायसेंस प्रदान किया जाए। घटना का विरोध करते हुए अभिभाषक संघ शासन से अपेक्षा करता है कि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसे लिए हर संभव कदम उठाकर अभिभाषकों को सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया जाए। शीघ्र ही एडवोक्ट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के संबंध मे कार्यवाही की जाए।

यह थे मौजूद

इस अवसर पर अभिभाषक फतेहलाल कोठारी, सुभाष उपाध्याय,निर्मल कटारिया  शांतिलाल मालवीय, योगेश अधिकारी, रामपाल पाटीदार, अशोक शर्मा, सुनील जैन, योगेश शर्मा, प्रणय अोझा, सतीश पुरोहित, कमलेश पालीवाल, एसएन जोशी, देवेंद्र सरदाना, राजीव ऊबी, शीतल गेलड़ा, संतोष त्रिपाठी, हेमराज कसेड़िया, अभिवन उपाध्याय, रिजवान खोखर, राजकुमार मित्तल, चंद्रमोहन मेहता, अंजना रााणा, प्रीति सोलंकी, सुनीता वासनवाल, कृष्णा मीणा, जितेंद्र शाह, अशोक चाष्टया  राजेंद्र सिंह चौहान, वीरेंद्र कुलकर्णी, प्रदीप बदंवार, रजनीश शर्मा, विवेक उपाध्याय सहित बड़ी संख्या में अभिभाषकगण उपस्थित थे।

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