श्री महर्षि श्रृंग विद्यापीठ में हुआ आयोजन : गंभीरता से करे सामाजिक कार्य

 राष्ट्रीय एकता दिवस पर प्राचार्य डॉ. अनुराधा तिवारी ने कहा

हरमुद्दा
रतलाम, 31 अक्टूबर। राष्ट्रीय एकता दिवस पर रविवार को ब्राह्मण  वास स्थित श्री महर्षि श्रृंग विद्यापीठ में आयोजन हुआ। इसके तहत श्री सकल सिखवाल ब्राह्मण समाज के तत्वावधान में शिक्षक- संवाद किया गया। जिसमें समाज के सेवानिवृत्त एवं कार्यरत शासकीय शिक्षकों ने भाग लिया।

समाज और हम विषय पर मुख्य वक्ता विधि महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. अनुराधा तिवारी ने कहा कि सामाजिक कार्य को करने के लिए गंभीरता आवश्यक है। सामाजिक परिदृश्य में संस्कार का होना चाहिए। यदि परिवार में बच्चों को संस्कार नहीं मिलेंगे तो वह समाज से दूर हो जाएंगे । समाज के  बिना व्यक्ति का जीवन मुश्किल है।

समाज में जरूरी है संवाद

विशेष अतिथि सहायक प्राध्यापक डॉ. माया शर्मा ने कहा कहां की बालिका शिक्षा अनिवार्य है। समाज में यदि बालिका शिक्षित होती है तो पूरा परिवार शिक्षित हो जाता है। समाज में संवाद होना आवश्यक है। अध्यक्षता करते हुए विद्यापीठ अध्यक्ष कन्हैयालाल तिवारी ने कहा कि विद्यापीठ शिक्षा के क्षेत्र में विगत 14 वर्षों से निरंतर कार्य कर रही है । अब इसके स्वरूप को महाविद्यालय तक ले जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर श्री सिखवाल समाज देवस्थान न्यास अध्यक्ष अशोक पंड्या मंचासीन थे।

किया अतिथियों का स्वागत

प्रारंभ में अतिथियों ने मां सरस्वती व श्री महर्षि श्रृंग के चित्र पर माल्यार्पण किया। अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम संयोजक रमेश उपाध्याय, न्यासी अनिल पांडया, रवि व्यास, पंकज व्यास ने किया। संचालन विद्यापीठ सहसचिव सतीश त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम पश्चात सहभोज हुआ।

यह थे उपस्थित

कार्यक्रम में समाज के शासकीय सेवानिवृत्त शिक्षक भवानीशंकर उपाध्याय, लक्ष्मीनारायण शर्मा, उषा शर्मा, हेमलता उपाध्याय एवं कार्यरत शिक्षक प्राचार्य सुनीता शर्मा , रमेश पंड्या, गोपाल उपाध्याय, राजेश उपाध्याय, रूपशिखा उपाध्याय, राकेश जोशी , कैलाश तिवारी, दीपिका शर्मा, वृर्तिका शर्मा, श्रीनिवास तिवारी, एडवोकेट ललित शर्मा रमेश उपाध्याय, विद्यापीठ प्रधानाध्यापक सुशील दुबे आदि ने अपने विचार रखे।

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