गांव में 1 लाख बांस लगाने की ली प्रतिज्ञा : चार वर्ष की देखभाल के बाद हर वर्ष होगा लाभ ही लाभ बांस की फसल से
बड़ी मात्रा में निजी जंगल किए स्थापित
बांस मिशन पर हुई कार्यशाला
हरमुद्दा
रतलाम, 14 नवंबर। मध्यप्रदेश राज्य बाँस मिशन के अंतर्गत ग्राम धामेड़ी तहसील पिपलोदा में स्वर्गीय बद्रीलाल पाटीदार (पर्यावरणविद) की स्मृति में बांस मिशन कार्यशाला आयोजित की गई। पर्यावरण को हरा भरा रखने के लिए जानकारों ने जानकारियां दी। बांस की फसल से लाभ ही लाभ लेने की बात समझाई।
कार्यक्रम सूत्रधार डीएस डोडवे, वन मंडल अधिकारी रतलाम द्वारा कटंगा बांस की उपयोगिता तथा उससे होने वाले लाभों व रोपण करने की विधि बताई गई। उन्होनें बताया कि बांस को मात्र 4 वर्ष तक देखभाल करनी है, इसके बाद इससे हर वर्ष लाभ होगा। बांस ही एकमात्र ऐसी फसल है, जिसमें कोई बीमारी या कीट नहीं लगता। अब बांस को घाँस की श्रेणी में रखा गया है,इसलिये इसके काटने व परिवहन पर भी कोई प्रतिबंध नहीं है। भविष्य में लोहे का विकल्प बांस ही रहेगा। किसानों को गेँहू या सोयाबीन की फसल से अधिक लाभ बांस से होगा। रतलाम जिले में 5 लाख बांस रोपण का लक्ष्य रखा गया है।
पर्यावरण को हरा भरा रखने के लिए जानकारों ने दी जानकारियां
इस कार्यशाला में सीमा अग्निहोत्री पर्यावरणविद रतलाम, भरत गोयल भारतीय स्टेट बैंक जावरा, सुरेश बरौले वन परीक्षेत्र अधिकारी सैलाना, बाबूलाल मालवीय डिप्टी रेंजर सरवन द्वारा भी पेड़ पौधे तथा पर्यावरण को हरा भरा रखने हेतु अनेक उदाहरण देकर उपस्थित दर्शकों को समझाया l इस कार्यशाला में उपस्थित कृषकों द्वारा गाँव मे 1 लाख बांस लगाने की प्रतिज्ञा ली गई।
बड़ी मात्रा में किए निजी जंगल स्थापित
कार्यक्रम के प्रारम्भ में जय जवान-जय किसान पर्यावरण समिति संयोजक तथा सेवा निवृत्त सहायक वन विस्तार अधिकारी विवेक सिंह राठौर द्वारा स्वर्गीय पाटीदार के जीवन पर प्रकाश डाला तथा बड़ी मात्रा में निजी जंगल स्थापित करने की जानकारी बताई गई। आभार भेरूलाल पाटीदार पूर्व वन समिति अध्यक्ष रतलाम ने माना।