कानूनों को पढ़कर प्रायोगिक बने विद्यार्थी :  न्यायधीश श्रीवास्तव

 अधिवक्ता परिषद तथा डॉ. केएनके विधि महाविद्यालय द्वारा संविधान दिवस पर लॉ कॉलेज में हुआ आयोजन

हरमुद्दा
रतलाम 26 नवंबर। इतिहास व विज्ञान में स्थायित्व है लेकिन कानूनों में स्थायित्व नहीं होता है। समय व समाज की मांग के अनुरूप कानून परिवर्तनशील है। विधि के क्षेत्र में अनेक चुनौतियां है। इसलिए विद्यार्थी कानूनों को पढ़कर प्रायोगिक बने। संविधान कठोर होने के साथ-साथ लचीला भी है। परिवर्तन संविधान में भी हुए  और कानूनों में भी हुए हैं। हमेशा विद्यार्थी की तरह प पढ़ते रहना चाहिए।

यह विचार अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण श्रीवास्तव ने व्यक्त किए। शुक्रवार को अधिवक्ता परिषद तथा डॉ. केएनके विधि महाविद्यालय द्वारा संविधान दिवस मनाया गया।

अधिकारों का करें सही ढंग से उपयोग

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जिला अभिभाषक संघ उपाध्यक्ष नीरज सक्सेना ने कहा कि संविधान हमें अनेक अधिकार देता है लेकिन हमें उनका सही ढंग से उपयोग करना चाहिए। विशेष अतिथि प्राचार्य डॉ. अनुराधा तिवारी ने कहा संविधान हमें अधिकारों की रक्षा का अधिकार भी देता है। उन्होंने संविधान की प्रस्तावना का वाचन करते हुए शपथ भी दिलवाई।

राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों का करें निर्वहन

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अधिवक्ता परिषद के जिला अध्यक्ष सतीश त्रिपाठी ने कहा कि संविधान ने हमें अधिकार दिए हैं लेकिन अनुच्छेद 51 (क) मे कर्तव्यों का भी वर्णन किया है। हमें राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए।

सरस्वती पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत

आयोजन में उपस्थित ला कालेज के विद्यार्थी एवं अभिभाषक

कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के पूजन से हुई। अतिथि परिचय अधिवक्ता परिषद महामंत्री समरथ पाटीदार ने दिया। संगठन गीत कोषाध्यक्ष वीरेंद्र कुलकर्णी ने प्रस्तुत किया। अतिथियों का स्वागत उपाध्यक्ष घनश्यामदास बैरागी, कार्यक्रम संयोजक श्रवण बोयत, एनके कटारिया, सांवलिया पाटीदार, कृष्णा मीणा , दुर्गाशंकर पाटीदार, डॉ. जितेंद्र शर्मा आदि ने किया। अभिभाषक संघ के  सहसचिव योगेश शर्मा उपस्थित थे। संचालन प्राध्यापक पंकज परसाई ने किया। आभार अधिवक्ता परिषद मंत्री जितेंद्र मेहता ने माना। कार्यक्रम में महाविद्यालय के अनेक विद्यार्थी उपस्थित थे।

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