बैंकों के निजीकरण का विरोध : निजीकरण देश एवं देश की जनता के साथ धोखा
बैंक कर्मियों ने दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन किया प्रदर्शन
हरमुद्दा
रतलाम, 16 दिसंबर। बैंकों के निजीकरण एवं बैंकिंग लॉ अमेंडमेंट बिल के विरोध में रतलाम में जिले भर के बैंक कर्मियों द्वारा दो दिवसीय हड़ताल के पहले दिन प्रदर्शन किया गया। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के बैनर तले निजीकरण का जोरदार विरोध किया और बताया कि निजीकरण देश एवं देश की जनता के साथ धोखा है।
गुरुवार को भारतीय स्टेट बैंक मित्र निवास रोड मुख्य शाखा के बाहर बड़ी संख्या में बैंक कर्मचारी एवं अधिकारी उपस्थित रहे। बैंक कर्मियों द्वारा बताया गया कि निजी करण देश एवं जनता के साथ धोखा है। बैंकिंग अमेंडमेंट बिल तथा निजी करण के इस फैसले को सरकार को तत्काल वापस लेना चाहिए। यह ना तो कर्मचारियों के हित में है और ना ही आमजनता के हित में है। राष्ट्रीकृत बैंकों द्वारा इस देश के आम आदमी से लेकर व्यापारी किसान उद्योगपतियों एवं सभी वर्गों को सेवाएं प्रदान की गई है । इसके अलावा सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे की जनधन खाते मुद्रा योजना प्रधानमंत्री आवास योजना प्रधानमंत्री बीमा योजना स्ट्रीट वेंडर योजना सहित कई अन्य योजनाओं का क्रियान्वयन भी बड़ी संख्या में सरकारी बैंकों द्वारा ही किया गया है। ऐसी स्थिति में भी सरकारी बैंकों द्वारा सेवा के साथ-साथ लाभ कमा कर दिया गया है एवं इस प्रकार निजी करण किसी भी तरीके से उचित नहीं है और ना ही देश के हित में है।
यह थे मौजूद
गुरुवार के प्रदर्शन में विभिन्न बैंकों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे तथा इसी तरह का प्रदर्शन कल 17 दिसंबर को भी बैंक कर्मियों द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम में यूनाइटेड फोरम के विजय कुमार सोनी, राजेश तिवारी, हरीश यादव, प्रकाश अग्रवाल, नरेंद्र सोलंकी, रमेश शर्मा, हितेश पंवार, जितेंद्र सिंह गौड़, अमित शुक्ला, पीयूष चौधरी, जूलिया डेविड, गायत्री आर्य, राजेश जोशी, रवि कटारिया, कपिल पंथी, अविनाश यादव, कपिल पनितावने, अंकित पारिख, भरत गोयल, संगीता तोमर, गीतांजलि गोयल, वैभव मूणत, श्री अम्बोलिकर, अशोक कनेरिया, सुनील मेहता, धीरज गोधा, जितेंद्र आर्य, आतिश बोकाडिया, एमआर यूनियन के हरीश सोनी सहित सभी बैंकों के अनेक बैंककर्मी उपस्थित रहे।