संयुक्त राष्ट्र की चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट : देश में कोरोनावायरस की संख्या में आया उछाल, नहीं संभले तो कई राज्यों में आ सकता है कि लॉक डाउन का उबाल
24 घंटे में कोरोना वायरस के 2,64,202 नए मामले
सक्रिय मामलों की संख्या 12,72,073
मध्यप्रदेश में भी बड़े सक्रिय मामले, मंत्री सहित विधायक भी जद में, सीएम लेंगे बैठक
हरमुद्दा
शुक्रवार, 14 जनवरी। देश में कोरोना महामारी के हालात बिगड़ते जा रहे हैं। रोज रिकॉर्ड संख्या में केस आ रहे हैं। भारत में तीसरी लहर के चलते बीते 24 घंटे में कोरोना संक्रमण मरीजों की संख्या में फिर उछाल देखने को मिला है पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के 2,64,202 नए मामले आए और 1,09,345 रिकवरी हुईं। सक्रिय मामलों की संख्या 12,72,073 है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में फिलहाल ओमिक्रोन के कुल मामले 5,753 हैं और दैनिक पॉजिटिविटी रेट भी 14.78 फीसदी तक पहुंच चुका है। देश में बीते 24 घंटे में 16,785 ज़्यादा मामले आए हैं। गुरुवार को कोरोना वायरस के 2,47,417 मामले आए थे। मध्यप्रदेश में भी कोरोनावायरस से प्रभावितों के मामले अचानक बढ़ गए हैं। 24 घंटों में 4755 नए केस आए हैं और सक्रिय मरीजों की संख्या 21394 हो गई है। मंत्री विश्वास सारंग, तुलसी सिलावट सहित अन्य विधायक भी संक्रमण की जद में आए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना संक्रमण के मुद्दे को लेकर आपदा प्रबंधन समूह की बैठक लेंगे।
देश में इसे ही कोरोना की तीसरी लहर बताया जा रहा है। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र ने चिंता बढ़ाने वाली रिपोर्ट जारी की है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अप्रैल और जून 2021 के बीच कोरोना के डेल्टा स्वरूप की घातक लहर में 2.40 लाख लोगों की मौत हो गई थी और आर्थिक सुधार बाधित हुआ था। निकट समय में फिर इसी तरह के हालात उत्पन्न हो सकते हैं।
आर्थिक नुकसान में फिर से वृद्धि होने का अनुमान
संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति एवं संभावनाएं (डब्ल्यूईएसपी) 2022 रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कोरोना के अत्यधिक संक्रामक ओमिक्रोन स्वरूप के संक्रमण की नई लहरों के कारण मृतकों की संख्या और आर्थिक नुकसान में फिर से वृद्धि होने का अनुमान है। संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक एवं सामाजिक मामलों के विभाग के अवर महासचिव लियु जेनमिन ने कहा कि कोरोना को नियंत्रित करने के लिए एक समन्वित और निरंतर वैश्विक दृष्टिकोण के बिना यह महामारी वैश्विक अर्थव्यवस्था के समावेशी और स्थायी उभार के लिए सबसे बड़ा जोखिम बनी रहेगी।
इन राज्यों में लॉकडाउन की आशंका
मआहाराष्ट्र, दिल्ली, तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल हैं, जहां तेजी से केस सामने !आ रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि यहां सख्ती न बतरी गई तो हालात बेकाबू हो सकते हैं। ऐसे में इन राज्यों में लॉकडाउन की आशंका पैदा हो गई है। वैसे ही अघोषित लॉकडाउन तो लग ही गया है। अधिकांश राज्यों में नाइट कर्फ्यू, वीकेंड कर्फ्यू लगाया जा चुका है। मंदिर और सार्वजनिक स्थल पर भीड़ को रोका जा रहा है।