विषम परिस्थितियों में पुनः सनातन संस्कृति को स्थापित श्री शंकराचार्य जी ने: महापौर

हरमुद्दा
रतलाम, 9 मई। श्री शंकराचार्य जी ने विषम परिस्थितियों का सामना करते हुए पुनः सनातन संस्कृति को सशक्त रूप से स्थापित किया। आज यही चुनोती हमारे सामने है। श्री शंकराचार्य जयंती से संकल्प एवं प्रेरणा लेकर हमें भी सनातन धर्म की पताका को फहराना है। यह विचार महापौर डॉ. सुनीता यार्दे ने सर्व ब्राह्मण समाज द्वारा आयोजित शंकराचार्य जयंती के अवसर पर व्यक्त किए।

IMG_20190509_225423

त्रिवेणी तट पर हुए कार्यक्रम में डॉ. यार्दे ने कहा विश्व की एकमात्र संस्कृति है हमारी सनातन संस्कृति। जो सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना करती है, जिसकी सारी परम्पराएं सबके सुख, सबके स्वास्थ्य, सबकी शान्ति, सबके नैतिक उत्थान एवं विश्व कल्याण के लिए कार्य करती है और यह सब स्थापित किया और भारत को विश्व गुरु बनाया, लेकिन बाह्य संस्कृतियों ने हमेशा सनातन संस्कृति को कमजोर करने का प्रयास किया।
सनातन संस्कृति से जोड़े
कार्यक्रम संयोजक पुष्पेन्द्र जोशी ने माता-पिता से अपने बच्चों को विदेशी संस्कृति से बचाने और सनातन संस्कृति से जोड़ने की अपील की।
पं चंद्रशेखर जोशी ने जगद्गुरु के गुणों का गान करते हुए शंकराचार्य स्रोत के साथ यजमान नर्मदा शंकर भट्ट से पूजन, अभिषेक संपन्न कराया। तत्पश्चात सभी समाजजन ने जगद्गुरु की आरती की। प्रसाद वितरण किया।Screenshot_2019-05-09-22-49-46-310_com.whatsapp
यह थे उपस्थित
कार्यक्रम में पंडित रामचंद्र शर्मा, डॉ. अमर सारस्वत, भवानी शंकर मोड़, वीरेंद्र कुलकर्णी, दिलीप बर्वे, वीरेन्द्र वाफगावकर, बंसीलाल शर्मा, बद्रीलाल शर्मा, मनकामनेश्वर जोशी, नवनीत मेहता,जगदीश उपाध्याय, गोविंद उपाध्याय, धीरज व्यास, कपिल व्यास, जितेंद्र भट्ट, डॉ राजेन्द्र शर्मा, रमेश व्यास, नवनीत सोनी, लालचंद टांक, महेश लोखंडे, हरिओम जोशी, हरिवंश शर्मा, चेतन शर्मा, विजय शर्मा, संध्या उपाध्याय, आशा शर्मा, नमिता शुक्ला, ताराबेन सोनी, उर्मिला जोशी, गीता शर्मा, भावना जोशी सहित बड़ी संख्या में सनातन समाजजन उपस्थित थे।Screenshot_2019-05-09-22-48-16-913_com.whatsapp

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *