दुनिया के सामने जल्द ही एक और संकट : अब दक्षिण अफ्रीका में एक नए कोरोना वायरस ‘नियोकोव’ की चेतावनी, 3 में से 1 की हो रही मौत
नया वायरस पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक
हरमुद्दा
शुक्रवार, 28 जनवरी। कोरोना महामारी का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है। ओमिक्रोन के रूप में नई लहर का सामना कर रही दुनिया के सामने जल्द ही एक और संकट आने वाला है। अब दक्षिण अफ्रीका में एक नए कोरोना वायरस नियोकोव (NeoCov) की चेतावनी दी है। वैज्ञानिकों के मुताबिक यह नया वायरस पहले के मुकाबले ज्यादा खतरनाक होगा। इससे मृत्य दर और संक्रमण दर में बढ़ोत्तरी होगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक NeoCov वायरस नया नहीं है। MERS-CoV वायरस से ही संबद्ध, यह 2012 और 2015 में मध्य पूर्वी देशों में खोजा गया था और यह SARS-CoV-2 के समान है, जो मनुष्यों में कोरोना वायरस का कारण बनता है।
वैज्ञानिकों के मुताबिक NeoCoV को दक्षिण अफ्रीका में एक चमगादड़ की आबादी में खोजा गया था और केवल इन जानवरों के बीच फैलने के लिए जाना जाता है, बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रीप्रिंट के रूप में प्रकाशित एक नए अनपेक्षित अध्ययन से पता चला है कि NeoCoV और इसके करीबी रिश्तेदार PDF-2180-CoV मनुष्यों को संक्रमित कर सकते हैं।
अच्छी एंटीबॉडी से होगी सुरक्षा
वुहान यूनिवर्सिटी और चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स के शोधकर्ताओं के अनुसार, मानव कोशिकाओं में घुसपैठ करने के लिए वायरस के लिए केवल एक उत्परिवर्तन की आवश्यकता होती है। वैज्ञानिकों के मुताबिक अच्छी एंटीबॉडी NeoCoV से रक्षा करने में कारगर होगी। चीनी शोधकर्ताओं के अनुसार, NeoCoV MERS-उच्च CoV की मृत्यु दर (यानि कि तीन में से एक की मौत की संभावना है)। रिपोर्ट में कहा गया है कि NeoCoV पर एक ब्रीफिंग के बाद, रूसी स्टेट वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर के विशेषज्ञों ने यह बयान जारी किया है।
बड़ी संस्था से नहीं मिली अभी मान्यता
वुहान यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट ऑफ बायोफिजिक्स ऑफ द चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, NeoCov कोरोना वायरस PDF-2180-CoV से संबंधित है जो मनुष्यों को संक्रमित कर सकता है। हालांकि चीन के इस अध्ययन को अब तक किसी बड़ी संस्था ने मान्यता नहीं दी है।
चमगादड़ों में मिला, जानवरों से इन्सानों में फैला
रिपोर्टों में दावा किया गया है कि नया कोरोना वायरस – ‘नियोकोव’ – दक्षिण अफ्रीका में चमगादड़ों में मिला था, जो जल्द ही जानवरों के बीच फैल गया। यहीं से अब इन्सानों में फैला रहा है। बायोरेक्सिव वेबसाइट पर प्रीप्रिंट के रूप में प्रकाशित अध्ययन में यह भी चेतावनी दी गई है कि यह वायरस इन्सानों में तेजी से फैल सकता है। यह भी दावा किया कि ‘SARS-CoV-2 या MERS-CoV के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही एंटीबॉडी भी इस संक्रमण पर बेअसर साबित हो रही है।’
WHO की राय NeoCoV पर
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा है कि मनुष्यों पर NeoCoV के संभावित खतरे के बारे में अधिक जानने के लिए शोध की आवश्यकता है। WHO से जुड़े विश्व पशु स्वास्थ्य संगठन (ओआईई), खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) हालात पर नजर रखे हुए हैं। WHO के मुताबिक, ‘क्या नया वायरस मनुष्यों के लिए जोखिम पैदा करेगा, इसके लिए आगे अध्ययन की आवश्यकता होगी।’