कलेक्टर की कार्रवाई : विद्यार्थियों के टीकाकरण में लापरवाही, स्कूलों को किया सील

 547 बच्चों को नहीं लगी थी वैक्सीन

हरमुद्दा
इंदौर, 3 फरवरी। कोरोना संक्रमण पर लगाम लगाने के लिए देशभर में अब 15 से 18 साल के किशोरों के लिए भी कोविड वैक्सीन लगाई जा रही है। बच्चों को वैक्सीन लगवाने में स्कूलों की सबसे अहम भूमिका है। स्कूलों में कैंप लगाकर 15 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है। ऐसे में बच्चों के टीकाकरण ना कराने को लेकर अब इंदौर जिला प्रशासन सख्त हो गया है। इंदौर में बच्चों को वैक्सीनेशन के मामले में लापरवाही बरतने के चलते कुछ स्कूलों को सील कर दिया गया।

इंदौर जिला प्रशासन ने बताया कि इन सेंट अर्नाल्ड स्कूल, टैगोर पब्लिक स्कूल, सेंट उमर हायर सेकेंडरी स्कूल और बेगम खान बहादुर स्कूल में कुल 547 बच्चों को वैक्सीन नहीं लगाई गई थी। ऐसे में आगामी आदेश तक प्राचार्य का कार्यालय सील किया गया है। विद्यालय से अपेक्षा की गई कि जल्द से जल्द वैक्सीनेशन का कार्य पूरा कर उसका रिकॉर्ड उपलब्ध कराए। दरअसल टीकाकरण में लापरवाही के बाद कलेक्टर द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144, महामारी 1897 और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एक्ट 2005 के तहत यह कार्रवाई की गई है। रंगवासा के इंटरनेशनल स्कूल के सभी बच्चों को वैक्सीनेशन कार्य पूरा नहीं करने की वजह से एसडीएम प्रतुल सिन्हा ने प्राचार्य कक्ष को सील कर दिया है। इसके साथ ही एसडीएम मुनीष सिंह सिकरवार द्वारा हातोद में यह कार्रवाई की गई है।

सिलसिला चलता रहेगा आकस्मिक जांच का

कलेक्टर मनीष सिंह ने वैक्सीनेशन टीम को बैठक में निर्देश दिये थे कि ऐसे स्कूल जिन्होंने बच्चों के टीकाकरण में लापरवाही की है, उनके विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए। इस तरह आकस्मिक जांच का सिलसिला आगे भी लगातार जारी रहेगा। कलेक्टर ने स्कूलों से अपील की है कि जल्द से जल्द सभी बच्चों को वैक्सीनेशन का काम पूरा किया जाए। उल्लेखनीय है कि इंदौर कोरोना की पहली और दूसरी लहर में सबसे ज्यादा प्रभावित रहा है। यहां ही सबसे ज्यादा मरीज मिले हैं, जबकि इस बार भी इंदौर में लगातार मरीज मिल रहे हैं। ऐसे में इंदौर में वैक्सीनेशन पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है।

विस्तार से दें जानकारी वैक्सीनेशन की

कलेक्टर ने शिक्षा विभाग के सभी अधिकारी कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। सीबीएसई-MP बोर्ड के स्कूल संचालकों को 15 से 17 आयु वर्ग के बच्चों के कार्य में तेजी बरतने की बात कही गई है। वही सभी शासकीय निजी स्कूल प्राचार्य से प्राप्त जानकारी के मुताबिक छात्रों को प्रथम डोज किस दिनांक तक लगी है। दूसरे डोज लगाए जाने की तारीख की डिटेल की मांग की गई है।

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