रतलाम स्थापना दिवस मनाया सेवा कार्य के रूप में : मेहनतकश हम्मालों को भेंट की ठेलागाड़ियां

 आतिशबाजी कर किया मिठाई का वितरण

 दान देने की परंपरा रही है मालवा की : कलेक्टर

 मदद की प्रवृत्ति रखें न कि मांगने की : कोठारी

 प्रेरित होकर की दान देने की घोषणा

हरमुद्दा
रतलाम, 5 फरवरी। रतलाम स्थापना उत्सव समिति ने रतलाम स्थापना दिवस एवं बसन्त पंचमी को सेवा कार्य के रूप में मनाया। मेहनतकश 40 हम्माल भाइयो को, जो कि किराए की ठेलागाड़ी से अपना कार्य करते थे, उन्हें ठेलागाड़ी भेंट की। आतिशबाजी व मिठाई वितरण कर मनाया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम एवं विशेष अतिथि पुलिस अधीक्षक अभिषेक तिवारी थे। अतिथियों के साथ समिति संयोजक हिम्मत कोठारी ने माँ कालिका की पूजा की।

रतलाम के संस्थापक महाराजा रतन सिंह जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर वंदन करते हुए श्री कोठारी

दानदाताओं का कोठारी ने किया सम्मान

तत्पश्चात ठेला गाड़ी वितरण में सहयोग देने वाले दानदाता, इप्का के फाउंडेशन के विक्रम कोठारी, महेंद्र गदिया, सुभाष मंडवारिया, राजेश मूणत, विनोद मूणत, सुरेश गोरेचा, चंदन पिरोदिया, सुदर्शन पिरोदिया, सुदर्शन सियार परिवार के सुनील कोठारी का सम्मान श्री हिम्मत कोठारी ने पुष्पमाला पहना कर किया ।

कार्यक्रम से मिली इन्हें भी प्रेरणा, की घोषणा

कार्यक्रम से प्रेरणा लेकर रतलाम प्रॉपर्टी एसोसीएशन ने 5, सुशीला यार्दे की स्मृति में यार्दे परिवार को ओर से 6,  अरिहंत नवयुवक मंडल ने 3 एवं विकास मित्र मंडल ने 3 गाड़ी का सहयोग देने की घोषणा की। संचालन अरुण चोरड़िया ने किया। आभार यतेन्द्र भारद्वाज ने किया।

शहर की सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखते हुए संकट में कर रहे सहयोग

विचार व्यक्त करते हुए कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम

रतलाम नगर के स्थापना गौरव को भी राज्य सरकार द्वारा भी प्रत्येक नगर के स्थापना दिवस मनाए जाने का निर्णय लिया।  जरूरत मन्दो को हाथगाडी देने से बेहतर कार्यक्रम स्थापना दिवस पर नहीं हो सकता। शास्त्रों में भी लिखा  है कि नर सेवा ही नारायण सेवा है। कलयुग में दरिद्र को ही नारायण कहां गया। मालवा की विशेषता दान देने की रही है, रतलाम में कोरोना महामारी काल  में भी लोगों ने मदद की। रतलाम शहर की सांस्कृतिक परंपरा को जीवित रखते हुए संकट में कोई गरीब है तो सक्षम लोग मदद के लिए तत्काल आते हैं।

 कुमार पुरुषोत्तम, कलेक्टर रतलाम

जरूरतमंद लोगों की मदद करें तो एक बेहतर समाज की स्थापना से कोई रोक नहीं सकता

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री श्री कोठारी

हमें राजनीति में लाने वाले कुशाभाऊ ठाकरे जी कहते थे कि हमेशा मदद की प्रवृत्ति रखना न कि मांगने की। हमने उनके इन्ही संस्कारो को अंगीकार करने का सदा प्रयास किया है। जब हमने यह देख की मेहनतकश हम्माल भाइयो को गाड़ी के लिए किराए के प्रतिदिन 20 रुपए देने पड़ते है। तब यह ख्याल आया कि क्यों न इन्हें इनकी खुद की गाड़ी मिले। तब कई लोग सहयोग के लिए आगे बढ़कर आए और पहले 40 और अब 40 गाड़ी हम भेंट कर पा रहे है। आज जब कोरोना में सबकी स्थिति दयनीय है, ऐसे में यदि सम्पन्न वर्ग इसी तरह आगे बढ़कर गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करें तो एक बेहतर समाज की स्थापना से कोई रोक नहीं सकता।

हिम्मत कोठारी, पूर्व गृह मंत्री मध्य प्रदेश शासन

समाज तभी बदलेगा जब होगा असंतोष खत्म

विचार व्यक्त करते हुए एसपी तिवारी

समाज तब ही बदलेगा जब असंतोष, अभाव व असमानता का दौर खत्म  होगा, सभी को एक समान भावना से सोचना होगा। कार्यक्रम को सफल बनाने रतलाम नगर के दानदाताओं का आभार व्यक्त करता हूं।

अभिषेक तिवारी, पुलिस अधीक्षक, रतलाम

यह थे मौजूद

कार्यक्रम में मौजूद गणमान्य जन

कार्यक्रम में जिला सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष अशोक चौटाला, भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष बजरंग पुरोहित, भाजपा जिला महामंत्री प्रदीप उपध्याय, रेड क्रॉस सोसाइटी के पूर्व चैयरमेन महेंद्र गदिया, ललित कोठारी, चंदन पिरोदिया, सुरेश गोरेचा पूर्व पार्षद गोपाल सोलंकी, बलविन्दर सोढ़ी, राजेन्द्र राठौर, श्रेणिक जैन, सुरेंद्र  जोशी, झमक भरगट, विकास कोठारी, तोलिराम शर्मा, मधु शिरोडकर, प्रभु नेका, मनीष शर्मा, श्री जयेश राठौर, यतेन्द्र भारद्वाज, दिलीप गांधी, तपन शर्मा, राम कल्याने, जगदीश वर्मा, धर्मेंद्र अग्रवाल, राजेन्द्र मौर्य, गौरव त्रिपाठी, राकेश पीपाड़ा, राजेश कटारिया, आशुतोष चौहान, महेश त्रिपाठी, योगेश सोनी, इरशाद मंसूरी, महेश सोलंकी, रंजीत राठौर, रखब चत्तर, विजय पासा राजेन्द्र माहेश्वरी, किशोर पिंजरावत, धर्म चंद  सिसोदिया, इंगित गुप्ता, विनोद  राठौर, गोपाल  राठी, आशीष  डागा, अनार सींग कुम्पावत, मसरूफ भाई, नीरज परमार, उमाकांत उपाध्याय, रणजीत राठौर, गोपाल सोनी, सुभाष  माली, अनिल चनाल, देवा खरे, अक्षय चौहान, इंगित गुप्ता, चेतन पावेचा, नारू, राजेश शर्मा, अजय शर्मा, फ़क़ीरचंद राठौर आदि मौजूद थे।

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