उद्योग जगत में शोक : बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे पद्मभूषण राहुल बजाज का निधन, राजनीति के दिग्गज भी दुखी
दिग्गज कारोबारी राहुल बजाज का शनिवार को पुणे में निधन
83 साल के राहुल बजाज लंबे समय से बीमार थे और कैंसर से जिंदगी की लड़ रहे थे जंग
वह लंबे समय तक बजाज ऑटो के रह चुके थे चेयरमैन भी
उनकी तरफ से समाज को दिए गए योगदान के चलते उन्हें 2001 में पद्म भूषण सम्मान से भी नवाजा
हरमुद्दा
शनिवार, 12 फरवरी। दिग्गज कारोबारी राहुल बजाज का शनिवार को पुणे में निधन हो गया है। 83 साल के राहुल बजाज लंबे समय से बीमार थे और कैंसर से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे। वह लंबे समय तक बजाज ऑटो के चेयरमैन भी रह चुके थे। उनकी तरफ से समाज को दिए गए योगदान के चलते उन्हें 2001 में पद्म भूषण सम्मान (Padma Bhushan Rahul Bajaj) से भी नवाजा गया था।
राहुल बजाज की तबियत बहुत अधिक खराब होने के चलते उन्हें करीब महीने भर पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था। बताया जा रहा है कि उन्हें न्यूमोनिया हो गया था और साथ ही उन्हें दिल से जुड़ी परेशानी भी हो गई थी। करीब 40 सालों तक बजाज ग्रुप के चेयरमैन रहे राहुल बजाज के निधन से पूरे उद्योग जगत समेत राजनीति के दिग्गज भी दुखी हैं। राहुल बजाज 2006-10 के दौरान राज्य सभा सांसद की तरह देश की सेवा भी कर चुके हैं।राहुल बजाज स्वर्गीय रूपा बजाज के पति और राजीव/दीपा, संजीव/शेफाली और सुनैना/मनीष के पिता थे।
टर्नओवर करीब 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ रुपए पर पहुंचा
राहुल बजाज के कार्यकाल में कंपनी का टर्नओवर करीब 7.2 करोड़ से 12 हजार करोड़ रुपए पर पहुंचा। उन्होंने ऑटो सेक्टर (Auto Sector) में नई लहर ला दी। फोर्ब्स की रिपोर्ट के मुताबिक, राहुल बजाज की नेट वर्थ (rahul bajaj net worth) करीब 820 करोड़ रुपये है।
उनकी शख्सियत का मानता है हर कोई लोहा
उनकी शख्सियत ऐसी थी, जिसका हर कोई लोहा मानता है। खासकर ऑटो इंडस्ट्री को बतौर लीडर उन्होंने नया आयाम दिया। Hamara Bajaj और you just can’t beat a Bajaj स्लोगन आज भी प्रचलित है। यह स्लोगन बजाज ऑटो टू व्हीलर के लिए था, जो आज भी दोपहिया बाजार में Icon है।
कोलकाता में हुआ था राहुल बजाज का जन्म
राहुल बजाज का जन्म 30 जून 1938 को कोलकाता में हुआ था। राहुल के दादा जमनालाल बजाज ने 1926 में बजाज समूह की स्थापना की और उनके पिता कमलनयन बजाज ने उन्हें 1942 में उत्तराधिकारी बनाया।
फिर किया व्यवसाय का विस्तार
कमलनयन ने बजाज ऑटो के अग्रदूत की शुरुआत की। कामकाज संभालने के तीन साल के भीतर उन्होंने नए व्यवसायों में विस्तार किया। इनमें सीमेंट, बिजली के उपकरण और स्कूटर का निर्माण शामिल था। राहुल बजाज ने 1958 में दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से स्नातक की उपाधि ली और बॉम्बे विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री। फिर उन्होंने अमेरिका के हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए किया और 1968 में बजाज ऑटो के सीईओ बने।